यमुना नदी में पानी का स्तर बढ़ने से जिले के यमुना से सटे करीब 32 गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। बाढ़ से निपटने के लिए शासन व प्रशासन जद्दोजहद कर रहा है। इस बढ़ते पानी के स्तर से लोगो को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा पशुओं के लिए भी चारे की समस्या पैदा हो चुकी है। इसके अलावा पशुओं के लिए भी चारे की समस्या पैदा हो चुकी है। फसल और पशुओं का चारा बुरी तरह से बर्बाद हो चुका है।
आपको बता दें कि बुधवार को हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी को रोक लिया गया है। अब इससे आने वाले 22 घंटों में बाढ़ ग्रस्त इलाकों में कुछ राहत मिल सकती है। करनाल यमुनानगर हाईवे पर भी चोरपुरा तक पानी कई जगह से सड़क से होकर गुजरने लगा। सारे दिन भर प्रशासन गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य करता रहा। पानी से घिरे गांवों के लोगों को अंदर से बाहर लाने के लिए नाव लगाई गई है, लेकिन यह लोगों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त नहीं है।