केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी घोषणा कर दी हैं l जी हां, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का एलान कर दिया हैं l वहीँ राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के प्रमुख जयंत चौधरी ने इस फैसले का सम्मान करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर तारीफ की हैं l लेकिन वहीँ दूसरी तरफ रास्ते का रोड़ा बनते हुए विपक्ष ने ‘भारत रत्न’ के एलान की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़ा कर दिया।
विपक्ष पर जमकर भड़के जयंत चौधरी
वहीँ विपक्ष पर निशाना साधते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि अगर सरकार किसी का सम्मान करना चाहती है तो इसमें गलत क्या है। वहीँ दूसरी तरफ रालोद प्रमुख ने कहा कि क्या वे (विपक्ष) दावा कर रहे हैं कि सरकार को चुनावी साल के दौरान किसी को भी भारत रत्न नहीं देना चाहिए? उन्होंने कहा, भारत रत्न के संबंध में सत्तारूढ़ सरकार या राजनीतिक दलों ने किस आधार पर निर्णय लिया? यहीं पर एक राजनीतिक दल को अधिकतम राजनीतिक लाभ मिलेगा और जिन मुद्दों पर जनता की भावनाएं जुड़ी हुई हैं।
वहीँ सरकार की सराहना करते हुए रालोद प्रमुख ने कहा कि अगर कोई जनता की नब्ज को समझे… जिनको भारत रत्न नहीं दिया गया… पिछली सरकारों ने उन्हें भारत रत्न नहीं दिया। अगर सरकार उनका सम्मान करना चाहती है तो क्या डील है और क्या गलत है?
भाजपा-RLD के बीच क्या गठबंधन हुआ तय?
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि जयंत चौधरी ने आईएनडीआईए को झटका देते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया है। इस पर जयंत चौधरी ने कहा कि आपने सीधा-सीधा बिजनेस सवाल पूछा है। जिसके बाद उन्होंने आगे कहा कि गठबंधन… (भाजपा और आरएलडी के बीच) किस तरह के मामले तय हुए हैं… हमारी रणनीति क्या होगी? पार्टी चुनाव कैसे लड़ेगी? इन सभी सवालों के जवाब वक्त के साथ मिल जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की जमकर प्रशंसा
बता दें कि इससे पहले राज्यसभा में आरएलडी प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि महज जमीनी हकीकत से जुड़ी सरकार ही उनके जैसे किसान नेता (चौधरी चरण सिंह) का सम्मान कर सकती है।
वहीं दूसरी ओर सभापति जगदीप धनखड़ ने जब जयंत चौधरी को भारत रत्न सम्मान पर बोलने की अनुमति तो कांग्रेस खफा हो गई और उसने इस फैसले का जमकर विरोध किया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस मुद्दे को लेकर तीखी नोंकझोंक देखने को मिली। सभापति धनखड़ ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से उठाई गई आपत्तियों पर नाखुशी व्यक्त की। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर चौधरी चरण सिंह और उनकी विरासत का अपमान करने का भी आरोप लगाया।