परेशानियाँ बचपन से ही उनके जीवन में शुरू हो चुकी थी, बाधाओं का सामना करने का जस्बा बचपन से ही उनमे पनपने लगा था| जीवन की उलझी राह में उन्हें कभी कोई सीधा रास्ता नहीं मिला| लेकिन उन्होंने खुद पर विश्वास किया और हमेशा अपने अंतर्मन में एक उद्यमी को छुपा पाया। वे पैनी दृष्टि के साथ खुले विचारों वाले व्यक्ति हैं, साहित्य जगत में आने की मंशा यह नही की साहित्य को दुनिया में पहचान मिले वरन वे इस बात के इच्छुक हैं कि साहित्य की महक हर पढ़ने वाले पाठक तथा लेखक दोनों में महके| जब वे 21 की उम्र में कोटा क्रॉसवर्ड से जुड़े तब उन्होंने किताबों के प्रति अपने प्रेम को महसूस किया, और उन्होंने अपने जीवन के लक्ष्य को पहचाना कि उन्हें क्या बनना है और आगे क्या करना है। फिर वहीं से मात्र २१ की उम्र में अपने दृढ़ निश्चय को पकड़ कर वे आगे बढ़ते गए और कभी पीछे मुड़कर नही देखा|
26 साल की कम उम्र में ही उन्होंने अपनी पहली नौकरी से इस्तीफा दे दिया और तभी उन्होंने निश्चय कर लिया था कि ये उनकी आखिरी नौकरी होगी इस नौकरी को छोड़ने के बाद उन्होंने ‘चैम्प रीडर्स’ नामक संस्था की शुरुवात की, यह संस्था राष्ट्र के नवोदित तथा उभरते लेखकों को बढ़ावा देने के लिए स्थापित की गई थी| उन्होंने कई संघर्ष से जूझते हुए लेखकों को मंच प्रदान किया| उन्होंने कोटा में देश के सबसे बड़े “पुस्तक प्रमोचन” का आयोजन किया और कई बार इतिहास रचा। सागर जी द्वारा आयोजित पुस्तक प्रमोचन के सत्र का रिकॉर्ड पूरे देश में अभी तक कोई नही तोड़ा पाया है | उनकी असाधारण प्रतिभा यहीं खत्म नहीं होती, बल्कि यहाँ से तो शुरू हुई,
उन्होंने नितिन शर्मा, कपिल राज, अमीश त्रिपाठी, दुर्जोय दत्ता, रविंदर सिंह, निकिता सिंह, सुदीप नागरकर, सुमृत शाही, सवी शर्मा, आर्य बब्बर, प्रियांक आर्यन, क्रिस्टोफर सी. डॉयल, प्राची गर्ग, डॉ. मनीषा यादव, मुक्ता महाजनी, देवांशी शर्मा, सुब्रत सौरभ, अभिरूप धर जैसे दिग्गज लेखकों के लिए विशाल पुस्तक विमोचन सत्र आयोजित किए और साथ ही हर एक सत्र में इन लेखकों को लगभग 2500 से अधिक छात्रों की भीड़ प्रदान की, कोटा में आयोजित यह पुस्तक प्रमोचन वास्तव में अकल्पनीय था| उनका साहित्य के प्रति समर्पण और उसके पीछे असाधारण संघर्ष की कहानीयों की ख़बरों को कई बड़े समाचार पत्रों जैसे हिंदुस्तान टाइम्स, सकाल टाइम्स द पायनियर, राजस्थान पत्रिका, दैनिक समाचार, दैनिक नवज्योति, दैनिक जागरण,आदि में प्रकाशित किया गया | उन्होंने जनवरी २०२१ में अपना ऐनक्डोट नामक पब्लिशिंग हाउस की शुरूवात की और अब वे राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय लेखकों की पुस्तकों का प्रकाशन और संवर्धन भारत तथा विदेशों में भी करते हैं |
प्रथम पुरस्कार :-
उन्हें चैम्प रीडर्स प्रा. लिमिटेड के संस्थापक के रूप में जिला प्रशासन द्वारा “पठन-लेखन प्रोत्साहन में सामुदायिक जुड़ाव के स्टार्ट अप” की शुरुवात करने के लिए शहर के विकास मंत्री श्री शांति धारीवाल जी एवं जिलाधिकारी कोटा श्री मुक्तानन्द जी अग्रवाल जी द्वारा सम्मानित किया गया |
दूसरा पुरस्कार :-
उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगठन के लिए 2019-2020 में राजधानी गौरव पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया और साथ ही पूरे देश में पठन और लेखन के प्रचार में सामुदायिक जुड़ाव के रूप में स्टार्टअप के माध्यम से योगदान देने के लिए भी सम्मानित किया गया । चैम्प रीडर्स प्रा. लिमिटेड के लिए भी उन्हें श्री रवि कालरा जी (कर्म योगी) संस्थापक और अध्यक्ष; द अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन एट कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली द्वारा सम्मानित किया गया |
तीसरा पुरस्कार :-
उन्हें 2020 में एंटरप्रेन्योरियल लीडरशिप की श्रेणी में भारत के नवोदित लेखकों को बढ़ावा देने के लिए एचीवर्स आइकॉन से भी सम्मानित किया गया|
चौथा पुरस्कार:-
2021 में चैम्प रीडर्स प्रा. लिमिटेड के संस्थापक के तौर पर उत्कृष्ट व्यावसायिक उपलब्धि की मान्यता और राष्ट्र निर्माण में योगदान के रूप में ‘यंग अचीवर्स’ से भी सम्मानित किया गया।
पांचवा पुरस्कार :-
उन्हें राजधानी गौरव सीजन 2 में भी अपने स्टार्टअप “देश में सामूहिक पठन और लेखन प्रचार” के लिए भी सम्मानित किया गया| उन्हें यह पुरस्कार चैम्प रीडर्स प्रा. लिमिटेड तथा ऐनक्डोट पब्लिशिंग हाउस के लिए प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता, गीतकार और गायक वीर दहिया तथा एमटीवी लव स्कूल फेम अविरल गुप्ता द्वारा लाजपत भवन ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में प्रदान किया गया|
छठा पुरस्कार:-
आइकॉन ऑफ एशिया यंग एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर 2022 में श्री दीपक सिंह (सांस्कृतिक राजदूत दक्षिण अफ्रीका) और श्रीमान प्रशांत मुकुंद दास (इस्कॉन द्वारका, दिल्ली के लिए वरिष्ठ आध्यात्मिक परामर्शदाता और आध्यात्मिक मार्गदर्शन) द्वारा अपने स्टार्ट अप “पढ़ने और लिखने की संस्कृति को बढ़ावा देने” तथा “भारत और विदेशों में नवोदित लेखकों को बढ़ावा देने” के लिए प्रदान किया गया|
सातवां पुरस्कार:-
वर्ष 2023 में “साहित्य और पुस्तक प्रकाशन उद्योग में सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप” की श्रेणी के लिए “प्राइड ऑफ नेशन अवार्ड” से सम्मानित किया गया | यह पुरस्कार श्री सागर आजाद को ग्लेनकल सीनरी के प्रतिनिधि निदेशक श्री मासाहितो नकाशी और जापान की ग्लेनकल सीनरी कंपनी लिमिटेड की निदेशक सुश्री मासूमी मेनो द्वारा प्रदान किया गया। वह अब युवाओं के लिए एक रोल मॉडल बन गए हैं |
लाखों लोगों को पढ़ने के लिए प्रेरित करना उनका अंतिम लक्ष्य है। वह कहते हैं, “मरने से पहले यह समझना बेहद जरूरी है कि हम यहां क्यों आए हैं? हमारे जीवन का लक्ष्य क्या है? आपके अन्दर ब्रह्मांड की ऊर्जा बंद है, यह समझना वास्तव में महत्वपूर्ण है कि आप पूरी दुनिया को जो दे सकते हैं, कोई दूसरा कभी नहीं दे सकता। बस यह समझें कि आप कौन हैं, आप क्यों हैं और आप क्या हैं, अपने आप पर विश्वास रखें और अपने सपनों की ऊर्जा को अपने पास बुलाकर अपने अंतिम गंतव्य को प्राप्त करने का प्रयास करें, एक दिन आप दुनिया के सफल लोगों की सूची में शामिल होंगे।“