प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-7 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 3 देशों की यात्रा के पहले चरण में जापान पहुंचे हैं। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने कई देशो के राष्ट्रपति और मुख्यमंत्रियों से भी मुलाकात की है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिरोशिमा में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और गले लगे। वहीं, पीएम मोदी ने कहा है कि वैश्विक चुनौतियों से निपटने में G-7 और G-20 देशों में सहयोग की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि जियोपॉलिटिकल टेंशन की वजह से खाद्य और ऊर्जा आपूर्ति चेन प्रभावित हुई है। पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर कहा कि हम इंटरनेशनल ऑर्डर पर आधारित राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान का मजबूती से समर्थन करते हैं। बता दें कि इस साल G-7 समिट की अध्यक्षता जापान करेगा। यह जापान के हिरोशिमा में आयोजित किया जा रहा है। परन्तु भारत G-7 समूह का हिस्सा नहीं, लेकिन इसके बावजूद भी भारत को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी लगातार चौथी बार G-7 में शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने किशिदा से भी की थी मुलाकात :-
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के हिरोशिमा में जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से भी मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, अर्थव्यवस्था और संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत-जापान की मित्रता को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं आपको G-7 के शानदार आयोजन के लिए बधाई देता हूं। आपने G-7 समिट में भारत को आमंत्रित किया इसके लिए भी मैं आपका बहुत आभारी हूं। मैंने जो बोधि वृक्ष आपको दिया था, उसको आपने हिरोशिमा में लगाया और जैसे-जैसे वो बढ़ेगा भारत-जापान के संबंधों को मजबूती मिलेगी। ये वो वृक्ष है जो बुद्ध के विचारों का अमरत्व प्रदान करता है।
परन्तु , क्या आप जानते हैं कि आखिर यह संगठन क्या है और कैसे काम करता है, इसका गठन क्यों किया गया। आइए इस आर्टिकल में आपको जी-7 समिट के बारे में बताते है…
जानिए G-7 क्या है?
जानकारी के लिए आपको बता दें कि G-7 कभी जी-6 तो कभी जी-8 भी हुआ करता था। वहीं, वर्तमान में इसे G-7 यानी ग्रुप ऑफ सेवन कहा जाता है। G-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का समूह है। इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं, इसलिए इसे ग्रुप ऑफ सेवन कहा जाता है। अब तो आप समझ ही गए होंगे G-7 क्या है l
G-7 का क्या काम है कैसे काम करता है?
बता दें कि G-7 की स्थापना करने के पीछे मूल उद्देश्य यही था कि इसमें शामिल अमीर देश आर्थिक परेशानियों का समाधान निकालने के लिए काम करें। इस ग्रुप की बैठक का आयोजन हर साल किया जाता है। G-7 वैश्विक संकटों से निपटने के लिए दुनिया की उन्नत अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है। हर साल यह अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, ऊर्जा नीति और वैश्विक आर्थिक मुद्दों जैसे विषयों पर बात करने के लिए बैठकें करता है। इसके अलावा G-7 समूह मानवाधिकार और स्वास्थ्य संबंधी जैसे मुद्दों पर भी बातचीत करते हैं। वहीं इस साल 2023 में G-7 परमाणु निरस्त्रीकरण, आर्थिक लचीलापन और आर्थिक सुरक्षा, क्षेत्रीय मुद्दे, जलवायु और ऊर्जा समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी। उदाहरण के तौर पर पिछले साल हुई G-7 की बैठक में सातों देशों ने यूक्रेन जंग के चलते रूस पर पाबंदी लगाने की घोषणा की थी। हर साल G-7 की बैठक आयोजित की जाती है। इस बैठक की अध्यक्षता G-7 के सदस्य देश बारी-बारी से करते हैं। यह सम्मेलन 2 दिनों तक चलता है। जहाँ पर वैश्विक मुद्दों को लेकर चर्चा की जाती है और उनके समाधान के लिए रणनीति तय की जाती है। शिखर सम्मेलन के अंत में एक सूचना जारी की जाती है, जिसमें विभिन्न विषयों पर सहमति वाले बिंदुओं का जिक्र होता है। इसमें शामिल देशों के राष्ट्र प्रमुखों के अलावा यूरोपियन कमीशन और यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष भी शामिल होते हैं।