ओडिशा के बालासोर जिले में एक भीषण ट्रेन हादसा हुआ l यह हादसा इतना भयानक था कि हादसे का दृश्य देख लोगो की रूह कांप गई l ओडिशा ट्रेन हादसे में 275 लोगो की मौत हुई है l जबकि घायलों में संख्या 1100 से अधिक है l वहीं दूसरी तरफ अस्पतालों में लावारिस शवों के ढेर लगे हुए है l अब अस्पतालों के मुर्दाघरो में जगह नहीं बची है l प्राप्त जानकारी के मुताबिक यहां शुक्रवार शाम सबसे पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन वहां पहले से खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई l वहीं इसके बाद पीछे से आ रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन ने उसे टक्कर मार दी l बताया जा रहा है कि यह हादसा सबसे बड़े हादसों में से एक है l जिसकी जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है l वहीं हादसे की प्रारंभिक जांच में ऐसे संकेत मिले हैं कि इस दुर्घटना के पीछे का कारण सिग्नलिंग सिस्टम का पूरी तरह फेल्यर हो सकता है l सबसे भयानक रेल दुर्घटनाओं में से एक बालेश्वर रेल हादसे में यह तथ्य सामने आना गंभीर चिंता का कारण बनना चाहिए कि इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम में गड़बड़ी के कारण यह दुर्घटना हुई। यदि यह सच है कि दक्षिण पश्चिम रेलवे के एक पूर्व अधिकारी ने इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम की अनदेखी होने की बात कही थी तो फिर इसकी तह तक जाना चाहिए कि उनकी रिपोर्ट को गंभीरता से लिया गया या नहीं?
प्रारंभिक जांच में सामने आई हादसे की वजह :-
बता दें कि एसईआर (SER) के संबंधित विभागों द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में अप सिग्नलिंग सिस्टम की एक बड़ी कमी निकलकर सामने आई है l शुरूआती जांच में मेन UP लाइन का सिग्नल हरा होना था और वहां से कोरोमंडल एक्सप्रेस को सीधा गुजरना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ l रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम (RRI) की पूरी तरह से विफलता के कारण, 128 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ने पॉइंट नंबर 17ए के पास बाएं मोड़ लिया और वहां खड़ी मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी l इतनी जबरदस्त थी कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के 15 डिब्बे पटरी से उतर गए, 7 पूरी तरह से पलट गए, 4 रेललाइन से उछलकर दूसरे डिब्बों पर चढ़ गए l
मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका :-
अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि ट्रेन हादसे के कारण जमीन में धंस गए डिब्बे को शनिवार को क्रेन और बुलडोजर की मदद से ऊपर लाने की कोशिश की गई l यह आखिरी डिब्बा था, जिस तक बचावकर्ता पहुंच नहीं पाए थे l अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन का एक डिब्बा एक अन्य ट्रेन के डिब्बे के उसके ऊपर गिरने के कारण धंस गया और उसे निकाले जाने के बाद मृतक संख्या बढ़ने की आशंका है l भुवनेश्वर में अधिकारियों ने बताया कि 1,200 कर्मियों के अलावा 200 एंबुलेंस, 50 बस और 45 सचल स्वास्थ्य इकाइयां दुर्घटनास्थल पर काम कर रही हैं l अधिकारियों ने यह बताया कि वायुसेना ने गंभीर रूप से घायल यात्रियों को बाहर निकालने के लिए चिकित्सकीय दलों के साथ दो हेलीकॉप्टर भेजे हैं l
ओडिशा में एक दिन का राजकीय शोक घोषित :-
बता दें कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ओडिशा में हुए भयंकर ट्रेन हादसे के मद्देनजर शनिवार को एक दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया है l वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा के बालासोर में शनिवार को उस स्थल का दौरा किया, जहां शुक्रवार को भीषण रेल दुर्घटना हुई थी l वैष्णव ने कहा कि अब मुख्य रूप से राहत एवं बचाव अभियान पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है l उन्होंने बताया कि दक्षिण-पूर्वी प्रखंड के रेलवे सुरक्षा आयुक्त ओडिशा में हुए रेल हादसे की जांच करेंगे l
मृतकों के परिवार के लिए 10-10 लाख रुपये का मुआवजा :-
बता दें कि रेल मंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए दो-दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है l उधर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल हादसे पर दुख जताया है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है l वहीं पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि की घोषणा की l