पीरियड या माहवारी एक ऐसा मुद्दा हैं जिसके बारे में कोई खुल कर बात करना पसंद नहीं करता l ना जाने क्यों इसके बारे में खुल कर कोई लड़कियों को नहीं समझाता l तो आज का आर्टिकल हमारा उन महिलाओं के लिए है जिन्हे पीरियड के बारे में पूछने और बात करने में झिझक महसूस होती है l इसमें डरने वाली बात नहीं है यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो सबके साथ होती है यह हमे भविष्य में आगे चलकर संभावित गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) के लिए तैयार करती है।
तो आइए जानते है क्या है पीरियड या माहवारी ?
पीरियड या माहवारी एक सामान्य प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें आपके यूटेरस के अंदर से रक्त और ऊतक, वजाइना के द्वारा बाहर निकल जाते हैं। यह आमतौर पर महीने में एक बार होता है । लड़कियों के शरीर में पीरियड की शुरुआत होने का मतलब है कि उनका शरीर अपने आप को संभावित गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) के लिए तैयार करता है।
ज़्यादातर लड़कियों में प्यूबर्टी के दौरान ही मेंस्ट्रुएशन (माहवारी) शुरू हो जाता है, यह एक ऐसी अवस्था है जिसमें बच्चों में कई तरह के शारीरिक और भावनात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं और वो बच्चे से बदलकर एक वयस्क बन जाते हैं।11 वर्ष से 15 वर्ष की उम्र के बीच मेंस्ट्रुएशन होना बिलकुल सामान्य बात है, क्योंकि हर शरीर का काम करने का अपना तरीका होता है। हमने एक गाइड बनाई है जो आपके शरीर में होने वाले इन बदलावों को समझने में मदद करेगी।
पीरियड क्या है ?
माहवारी एक सामान्य प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है l एक अवधि मासिक धर्म चक्र का हिस्सा है इसमें महिलाओं, लड़कियों और मासिक धर्म वाले लोगों की योनि से खून बहता है। ज्यादातर लोगों के लिए यह हर 28 दिन या उसके बाद होता है, लेकिन इससे पहले या बाद में पीरियड्स का शुरू होना आम बात है। यह आपके चक्र के 24वें दिन से लेकर 38वें दिन तक हो सकता है। मासिक धर्म लगभग 4 से 8 दिनों तक रहता है। जिसमें आपके यूटेरस के अंदर से रक्त और ऊतक, वजाइना के द्वारा बाहर निकल जाते हैं। यह हर महीने में एक बार होता है l लड़कियों के शरीर में पीरियड की शुरुआत होने का मतलब है कि उनका शरीर अपने आप को संभावित गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) के लिए तैयार करता है। एस्ट्रोजन, और प्रोजेस्ट्रोन जैसे हॉर्मोन अंडाशय (ओवरी) से निकलते हैं। ये वो फ़ीमेल सेक्स हॉर्मोन हैं जो यूटेरिन लाइनिंग या एंडोमेट्रियम का बनना शुरू कराते हैं जोकि एक फर्टिलाइज़्ड एग को पोषित करते हैं। यही हॉर्मोन ऑव्युलेशन के दौरान किसी एक ओवरी में से एग निकालने की प्रक्रिया को भी शुरू करते हैं। यह एग फेलोपियन ट्यूब से होकर गुजरता है और यूटेरिन लाइनिंग से जुड़ जाता है – जोकि फ़र्टिलाइज़ेशन के लिए तैयार है। यह लाइनिंग बनने, टूटने, और निकलने में करीब 28 दिन लेती है। ज़्यादातर महिलाओं में पीरियड साइकिल 21 से 35 दिनों के बीच में कभी भी होती है।
पीरियड्स में समय बाल धोने से क्यों बचना चाहिए ?
बता दें कि पीरियड्स के दौरान बाल धोने से यूट्रस में खून के थक्के जम सकते हैं l अगर पीरियड्स सही से खुल कर नहीं होते तो ये खून के थक्के जम जाते है जो गांठों का रूप ले लेते हैं। इस दौरान बहुत सी समस्या हो सकती है जैसे कि इन्फेक्शन होना या पेट दर्द की समस्या आदि l जब यह गांठें दवा के जरिए नहीं निकल पाती, ऐसे में ऑपरेशन भी करवाना पड़ सकता है। पीरियड्स में कोशिश करें कि कम से कम तीन दिन बाद सिर धोएं। तीसरे दिन अगर आप सिर धोती भी हैं तो गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें, इससे शरीर का तापमान मेंटेन रहेगा और दर्द भी कम होगा।
पीरियड में बाल धोने से कम हो जाता है शरीर का तापमान :-
पीरियड के शुरूआती 3 दिनों तक तक बाल नहीं धोने चाहिए। इसका कोई धार्मिक कारण नहीं है। दरअसल, पीरियड्स का फ्लो सही रहे इसके लिए शरीर का गर्म होना जरूरी है। ये साइकिल हर महिला की अलग होती है। किसी को तीन दिन, किसी को पांच और किसी दिन सात दिनों तक ब्लीडिंग होती है। इस बीच सिर को धोने से शरीर का तापमान कम हो जाता है और ऐसे में ब्लीडिंग रुक जाती है। जिसके बाद पीरियड्स सही से खुल कर नहीं होते और खून के थक्के जम जाते है l जो आगे चल कर बड़ी समस्या खड़ी कर सकते है l
पीरियड में इन चीज़ो से सावधान रहे :-
- पीरियड के समय जंक फूड और बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए।
2 . इस समय अन प्रोटेक्टेड सेक्स नहीं करना चाहिए।
3 . चाय और कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए।
4 . हीटिंग पैड का प्रयोग करना कंफर्टेबल लग सकता है लेकिन इससे पेट बुरी तरह प्रभावित होता है। इसलिए ज्यादा लम्बे समय तक इसका उपयोग नहीं करना चाहिए l
5 . कोल्ड ड्रिंक का सेवन करने से बचे l