निर्देशक संजय पूरन चौहान की फिल्म ’72 हूरें’ विवादों में घिरने के बाद भी आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है l यह फिल्म अभी तक हिंदी समेत 9 और भाषाओं में मौजूद है। युवाओं को आतंकवादी बनाने के लिए किस तरह उनका ब्रेनवॉश किया जाता है l ऐसा कौन सा लालच युवाओ को दिया जाता है जिसके लिए वो आतंकवादी बनने के लिए तैयार हो जाते है l इस फिल्म ’72 हूरें’ में यह दिखाया l
इस फिल्म को ‘द केरल स्टोरी’ की तरह प्रपोगेंडा फिल्म बताया गया था। इसके साथ ही इस फिल्म को काफी विरोध का सामना झेलना पड़ा। हालांकि, अशोक पंडित की इस फिल्म ने थिएटर्स में जब दस्तक दी, तो क्रिटिक्स खुद को स्टोरी की तारीफ करने से रोक नहीं पाए। सोशल मीडिया यूजर्स ने भी तारीफ की। मगर इन सबका फायदा फिल्म को कमाई के मामले में मिलता नहीं दिखा l
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अशोक पंडित की यह फिल्म पहले दिन 50 लाख कमाई ही कर पायी l परन्तु यह शुरूआती अनुमान है इसमें अभी फेरबदल होना संभव है l अगर ‘द केरल’ स्टोरी से ’72 हूरें’ का फर्स्ट डे का कलेक्शन कंपेयर करें, तो अदा शर्मा की फिल्म ने पहले ही दिन 8 करोड़ के करीब की कमाई की थी। यहां तक कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ तक ने 3.55 करोड़ का कलेक्शन पहले दिन किया था। इस लिहाज से ’72 हूरें’ का फर्स्ट डे कलेक्शन काफी कम है। हालांकि, मूवी को क्रिटिक्स और अधिकतर दर्शकों के पॉजिटिव रिस्पांस के बाद भी फिल्म पहले दिन एक करोड़ भी कमा पाने में नाकामयाब दिखी।
क्या दिखाया गया है फिल्म ’72 हूरें’ में :-
आपको बता दें कि इस फिल्म की कहानी बिलाल (आमिर बख्शी) और हाकिम (पवन मल्होत्रा) की है, जो गेट वे ऑफ इंडिया पर आत्मघाती हमला करने आते हैं। यह एक मनगढ़ंत कहानी है जो कि आतंकी सरगना युवाओं को गुमराह करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। जो आतंकवादी पकड़े जाते हैं, उनसे जब सवाल किए जाते हैं तो उनका जवाब यही होता है कि उन्होंने 72 हूरों के लिए हथियार उठाया है। उनकी यही सोच होती है कि अगर वे लोगों को मारेंगे और बदले में उनकी खुद की भी जान जाती हैं तो उन्हें स्वर्ग नसीब होगा। स्वर्ग में उन्हें 72 हूरें यानी 72 अप्सराएं मिलेंगी जो उनकी सेवा करेंगी। इन्हीं 72 हूरों के लालच में 20-22 साल के लड़के आत्मघाती भी बन जाते हैं। उनका इस लेवल पर ब्रेनवॉश होता है कि वे खुद को बम से उड़ाने तक में पीछे नहीं हटते l जिहाद के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा देने जैसी बातें ’72 हूरें’ में दिखाई गई हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि मासूमों को अपने जाल में फंसाने के लिए किस तरह का लालच दिया जाता है।