यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का ज्ञानवापी मुद्दे पर एक बड़ा बयान सामने आया है। अभी तक तो सीएम योगी इस ज्ञानवापी मुद्दे पर अपनी चुप्पी बनाए हुए थे परन्तु अब उन्होंने चुप्पी तोड़ते हुए अपने बयान में ज्ञानवापी को मस्जिद मानने से साफ इनकार कर दिया है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा एक बार फिर से रफ्तार पकड़ते हुए नजर आ रहा है l वाराणसी जिला कोर्ट की ओर से ज्ञानवापी परिसर के विवादित वजूखाने वाले हिस्से को छोड़कर तमाम इलाकों का एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ मस्जिद कमिटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई। सर्वे को रोकते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को यह मामला ट्रांसफर कर दिया। इस मामले पर हाई कोर्ट ने अपनी सुनवाई पूरी कर ली है। अब एएसआई सर्वे पर फैसला आने वाला है। इस मुद्दे को लेकर अब चारों ओर राजनीति गरमाई हुई है। एक तरफ तो समाजवादी पार्टी के स्वामी प्रसाद मौर्य बौद्ध मंदिरों को तोड़कर हिंदू मंदिर बनाने का बयान दे चुके हैं l वहीं दूसरी तरफ अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान सामने आया है। जिसमे उन्होंने कहा है कि ज्ञानवापी को अगर मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा ही। गलती मुस्लिम पक्ष की ओर से हुई है तो उनकी तरफ से प्रस्ताव आना चाहिए।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी मुद्दे पर कुछ शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया दी है। सीएम योगी ने कहा है कि सरकार की तरफ से ज्ञानवापी विवाद का हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है। हम इस मुद्दे पर समाधान चाहते हैं। सीएम योगी ने सवाल किया कि ज्ञानवापी के अंदर देव प्रतिमाएं हैं। यह प्रतिमा हिंदुओं ने नहीं रखी है। सीएम योगी ने कहा कि अगर ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद तो होगा ही। सरकार ज्ञानवापी विवाद का समाधान चाहती है। मुस्लिम समाज से ऐतिहासिक गलती हुई है, इसलिए इसके समाधान के लिए मुस्लिम समाज को आगे आना चाहिए। उन्होंने पूछा कि ज्ञानवापी अगर मस्जिद है तो वहां त्रिशूल क्या कर रहा था?
योगी ने ज्ञानवापी को लेकर किया बड़ा दावा :-
आपको बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी को लेकर एक बड़ा दावा किया है l उन्होंने कहा है कि ज्ञानवापी की दीवारें चीख-चीखकर गवाही दे रही हैं। हमें वहां की स्थिति को दिखा रही हैं। ज्ञानवापी के मसले पर ऐतिहासिक गलती हुई है। इसलिए इसे मस्जिद कहना गलत होगा। इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने सवाल करते हुए कहा कि हम लोगों ने तो वहां त्रिशूल नहीं रखा? इस गलती पर मुस्लिम समाज की ओर से प्रस्ताव आना है। इसे मस्जिद कहने पर विवाद होगा। सीएम योगी ने दावा किया कि मस्जिद के भीतर ज्योतिर्लिंग है। देव प्रतिमाएं हैं। सरकार इस विवाद का समाधान चाहती है। बता दें 3 अगस्त को ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे केस में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के पहले सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान को अब काफी तवज्जों दी जा रही है l
सीएम योगी ने ममता बनर्जी पर सीधा निशाना साधा :-
सीएम योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अपना सीधा निशाना साधते हुए कहा कि “मैं पिछले सवा 6 साल से यूपी का मुख्यमंत्री हूं। 2017 से यूपी में कोई दंगा तो नहीं हुआ। देखिए तो कैसे चुनाव होते हैं। नगर निकाय, पंचायत चुनाव, विधानसभा का चुनाव सभी शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराए गए हैं। पश्चिम बंगाल में भी पंचायत का चुनाव हुए थे, क्या हाल हुआ था? वे लोग पश्चिम बंगाल में शांतिपूर्ण माहौल नहीं बनाना चाहते हैं। सीएम योगी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी की सरकार ने जिस प्रकार की स्थिति पैदा की है।” आगे योगी ने कहा कि देश में भी कुछ लोग सत्ता में आकर जबरन पूरी व्यवस्था को कैद कर लेना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल में जिस प्रकार की स्थिति हमें देखने को मिली है, वैसी स्थिति पैदा कने का प्रयास किया जा रहा है। सीएम योगी ने कहा कि कैसे वहां विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं को मारा गया? ये चीजें आंखों को खोलने वाली हैं। इस मुद्दे पर तो कोई बोलता तक नहीं है।
विपक्षी दलों ने योगी के बयान के बाद तत्काल पलटवार किया :-
योगी के बयान के बाद विपक्ष ने तत्काल पलटवार कर इसे समाज में विभाजन फैलाने की साजिश बताया है। वहीं, हिंदुत्ववादी समर्थक इस मामले में और मुखर हो गए हैं। जाहिर है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जहां राममंदिर बनकर तैयार हो रहा है। वहीं ज्ञानवापी पर योगी की तरफ से हिंदुओं का दावा ठोक दिया गया है। इसके राजनीतिक निहितार्थ निश्चित ही होंगे। विपक्षी दलों के I.N.D.I.A गठबंधन पर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “इसे इंडिया नहीं बोलना चाहिए। यह तो डॉट कॉम ग्रुप है। चोला बदलने से उनके पिछले कर्मों से मुक्ति नहीं मिल जाएगी।”