फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास ने शनिवार को इजराइल पर सैन्य हमला किया, जिसमें सैकड़ों इजराइली मारे गए हैं और हजारों घायल हैं। इस हमले को हमास का सबसे बड़ा सैन्य हमला बताया जा रहा है। इजराइल और हमास के बीच सैन्य झड़पों ने पूरे मिडिल ईस्ट में राजनीतिक अनिश्चितता को गहरा कर दिया है।
बिगड़ा इजराइल और फिलिस्तीन का संबंध
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष लगातार बढ़ रहा है, दोनों ओर से बमबारी और जानमाल का नुकसान सुर्खियां बना हुआ है। इस इस संघर्ष ने एक और संकट बढ़ा दिया है। एक्सपर्ट्स ने संभावना जताई है कि इस युद्ध के चलते सोना की कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। बता दें कि सोने को न केवल आभूषण के तौर पर काम आते है बल्कि निवेसकों के निवेश के तौर पर भी खासी अहमियत रखती है। आपको बता दें कि सोने को किसी आपदा और संकट की स्थिति में निवेश के लिए सुरक्षित ठिकाने के तौर पर देखा जाता है और फिलहाल जो संकट पैदा हुआ है, उसके बाद भी यह आशंका जताई जा रही है कि ऐसे आपात्कालीन समय में सोना काफी महंगा हो सकता है। भारत में सोने को बड़ा महत्व दिया जाता है। जहां लोग इसे ज्वैलरी के रूप में पसंद करते हैं, तो दूसरी ओर इसे निवेश का भी सबसे अच्छा विकल्प मानते हैं। जानकारी के लिए बता दें भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश है। यह अपनी जरूरत का करीब आधा हिस्सा आयात करता है।
संघर्ष का असर दिख सकता है तेल कीमतों पर
आपको बता दें कि फिलिस्तीनी ग्रुप हमास ने शनिवार को 5000 रॉकेट दागते हुए इजराइल में एंट्री की और कत्लेआम मचाया। जिस में जान मान की काफी हानि हुई। जिसमें सैकड़ों इजराइली मारे गए हैं और हजारों घायल हैं। इस हमले को हमास का सबसे बड़ा सैन्य हमला बताया जा रहा है। इसके जवाब में इजराइल (Israel) की ओर से जवाबी हमला किया जा रहा है और दोनों के बीच जारी इस संघर्ष में अभी तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है और करीब 4,000 लोग घायल बताए जा रहे हैं। वही दूसरी तरफ अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने हमास के हमले की कड़ी निंदा करते हुए इजराइल को समर्थन देने का वादा किया है। आपको बता दें शेयर बाजारों में भू-राजनीतिक असर की संभावना से मचने वाली उथल-पुथल और मिडिल ईस्ट की घटनाओं पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। आपको बता दें एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका एक ऐसा समझौता करने की कोशिश कर रहा है, जिससे इजराइल और सऊदी अरब के बीच संबंध सामान्य हो जाएंगे। वहीं ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में रैपिडन एनर्जी ग्रुप के प्रेजीडेंट और व्हाइट हाउस के पूर्व अधिकारी बॉब मैकनेली ने कहा है कि अगर ये संघर्ष ईरान तक फैलता है तो इसका असर तेल की कीमतों पर दिखेगा। हालांकि, इसकी संभावना कम है, लेकिन अगर इजराइल किसी भी ईरानी इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमला करके जवाब देता है, तो कच्चे तेल कि कीमतों में बड़ा उछाल आ सकता है।