आतिशी के अनशन पर केजरीवाल का भावुक संदेश, कहा- 'कुछ नहीं खाएगी अपने शरीर को कष्ट देगी'

आतिशी के अनशन पर केजरीवाल का भावुक संदेश, कहा- ‘कुछ नहीं खाएगी अपने शरीर को कष्ट देगी’

दिल्ली में जल संकट की स्थिति को देखते हुए अब केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी ने शुक्रवार से पानी सत्याग्रह शुरू कर दिया है। जी हां, आतिशी जंगपुरा की भोगल कॉलोनी में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेंगी। दरअसल, आतिशी ने कहा कि हरियाणा सरकार हर संभव प्रयास के बावजूद दिल्ली को पूरा पानी नहीं दे रही है। जिसके कारण राजधानी दिल्ली के 28 लाख लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। इसलिए केंद्र सरकार और हरियाणा से पानी की मांग लोकर आतिशी ने शुक्रवाह दोपहर 12 बजे से जंगपुरा के भोगल इलाके में अनिश्चितकालीन पानी सत्याग्रह शुरू किया है।

पत्नी सुनीता ने पढ़ा केजरीवाल का संदेश

आपको बता दें कि सुनीता केजरीवाल ने आतिशी का सत्याग्रह शुरू करने से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक लिखित संदेश पढ़ कर सुनाया है। जिसमे लिखा था कि ‘इस बार देश में भीषण गर्मी पड़ रही है। 100 साल में इतनी गर्मी पहली बार पड़ी है। ये किसी के हाथ की बात नहीं बल्कि भगवान की मर्जी है, लेकिन हम मिलकर समस्या को तो कम कर ही सकते हैं। लोग गर्मियों में प्यासे लोगों के लिए पानी देते हैं, इससे सबको पुण्य मिलता है।’ वहीं इस सन्देश में आगे लिखा हुआ था कि ‘इस मुश्किल घड़ी में भी हरियाणा सरकार ने दिल्ली को मिलने वाले पानी को भी कम कर दिया है। दिल्ली प्यासी मर रही है। दिल्ली वाले कहां जाएं? माना कि दिल्ली और हरियाणा में अलग-अलग पार्टियों की सरकार है, लेकिन क्या यह राजनीति करने का समय है? आज आतिशी अनिश्चितकालीन धरना करने को मजबूर है। वो कुछ नहीं खाएगी अपने शरीर को कष्ट देगी।’

इस समय राजधानी दिल्ली में पानी की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ हैं l दिल्ली में पानी की कमी को बढ़ते देख अब दिल्ली के लोगों को हरियाणा से उनके हक का पूरा पानी दिलवाने के लिए दिल्ली की जल मंत्री आतिशी शुक्रवार से सत्याग्रह शुरू करने वाली हैं। वहीं अगर रिपोर्ट्स की मानें तो आतिशी सुबह 11 बजे राजघाट जाकर गांधीजी को श्रद्धांजलि देंगी। ठीक उसके बाद दोपहर 12 बजे से जंगपुरा की भोगल कॉलोनी में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेंगी। इस दौरान आतिशी ने कहा कि “कई बार ऐसा समय आता है, जब किसी समस्या का कोई भी समाधान नहीं निकल रहा होता है। गांधीजी ने हमें सिखाया है कि ऐसे समय में सत्याग्रह के अलावा सचाई की लड़ाई लड़ने का और कोई तरीका नहीं बचता है। दिल्ली के 28 लाख लोगों के लिए मैं इस लड़ाई को जरूर लड़ूंगी।”

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