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बांग्लादेश कि हिंसा में अब नया खुलासा,विपक्षी नेता ने खोली बीजेपी की पोल…

बांग्लादेश में चल रही हिंसा ,थमने का नाम नहीं ले रही है,इसी बीच भारत के कई नेता अपनी टिप्पिडियो से मोहोल और गरम करे हुए है. जी हाँ आपको बता दे की बांग्लादेश में चल रही हिंसा को अब 10 दिन पुरे हो चुके है. आपको बता दे की वहा की प्रधान मंत्री चल रहे आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद से भागती नज़र आयी,जी हां वो 5 अगस्त को अपना देश छोड़ कर भारत में शरण ले चुकी है. वही कई विपक्षी नेता इस बात का विरोध करके बीजेपी पर निशाना साध रहे है. उनका कहना है की मोदी सरकार शेख हसीना को अपने देश में पनाह देना चाहती है. आइये आपको बता ते है क्या है विपक्षी नेताओ का दृष्टिकोड।

जी हाँ, आपको बता दे की,नगीना सांसद,चंद्रशेकर ने कहा कि दूसरे देशों से जब आजादी की लड़ाई चली, तो बहुत सारे देशों ने अपने मुल्क को आजाद कराने के लिए संघर्ष करना शुरू किया। उसका एक एहसास हमारे यहां भी था। उन्होंने कहा कि जब कहीं से किसी चीज को बहुत ज्यादा बढ़ावा मिलता है, तो फिर जनता में आक्रोश पैदा होता है, लेकिन हमारे यहां लोग बहुत शांति प्रिय और संविधान को मानने वाले लोग हैं, तो इस तरह की आशंका नहीं है।जी हाँ आपको बता दे, उनका मन्ना है, की कई ऐसे विषय हैं, जिससे जनता में आक्रोश है। जैसे अग्निवीर को लेके, किसानों को लेकर, शेड्यूल कास्ट की आर्थिक स्थिति को लेकर लोगों में गुस्सा है। सरकारों को इनके हितों का ध्यान रखना चाहिए। इन पर कोई चीज थोपनी नहीं चाहिए, चर्चा करनी चाहिए।

क्या-क्या बोला विपक्ष?

इस चर्चा में ,उद्धव ठाकरे (शिवसेना) ने कहा कि हमें देखना होगा कि दूसरे देशों में क्या हो रहा है। बांग्लादेश से पहले इजराइल और श्रीलंका में भी इसी तरह का विरोध-प्रदर्शन देखा गया था। आरक्षण के मुद्दे पर भारत में बांग्लादेश जैसे हालात ना हो, इसके लिए सरकार को संसद में बातचीत करनी चाहिए। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने मंगलवार, 6 अगस्त को कहा था कि बांग्लादेश में जो हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, वह भारत में भी हो सकता है। खुर्शीद ने एक किताब की लॉन्चिंग के दौरान ये बयान दिया। इस कार्यक्रम में शशि थरूर भी मौजूद थे। भाजपा ने खुर्शीद के इस बयान की आलोचना की। भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने खुर्शीद की टिप्पणी को अराजकतावादी करार दिया। रूडी ने कहा, “खुर्शीद कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य होकर भी ऐसे अराजकतावादी बयान दे रहे है। यह एक तरह का देशद्रोह है। आपको बता दे ,उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ,अखिलेश यादव भी टिप्पीड़ि करते हुए बोलते है की बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदु समुदाय पर लगातार हमले किए जा रहे हैं. इस बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया है, जिसके लिए कई लोग उनपर पलटवार करते है और बोलते है इनके समाये में भी तो अल्पसंख्यक ,बहुसंखयक जैसी राजनीती चला करती थी तो अब कैसे ये नेता ऐसे बयांन दे सकते है?

क्या ममता डरी हुई है?

जी हाँ ,सूत्रों की माने तो ममता अपने एक बयां में बोलती है की हम बांग्लादेश के हालातो से अवगत है, वहा की समस्याए काफी भीषण है, इसके चलते हम केंद्रीय सरकार को पूरा समर्थन देंगे,उनके हर एक फैसले पर और बंगाल के लोगो से शांति बनाये रखने के भी अपील किया. तो सवाल अब ये उठ ता है की क्या सच में मोदी सरकार, इस चल रही हिंसा पर कोई ठोड कदम उठाएगी? या फिर विपक्ष के सवालो से ही घिरी रहे जाएगी..

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