दिल्ली में आप की हार के बाद, असर पंजाब में भी दिखाई देने लगा है। दिल्ली में पंजाब के विधायक, भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने अहम बैठक की। अब दिलचस्प यह देखना होगा की क्या पंजाब की सियासी कमान संभाल पाएंगे केजरीवाल?

केजरीवाल की चमक हुई फीकी
हाल ही में दिल्ली चुनाव में करारी शिकस्त पाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सफाईनामा देते हुए वीडियो जारी किया। उन्होंने वीडियो में कहा की जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करता हूं। मैं बीजेपी को जीत के लिए बधाई देता हूं। उम्मीद करता हूं कि वह लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे। हमने पिछले 10 सालों में बहुत काम किया, हमें जनता ने मौका दिया था। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी जैसे क्षेत्रों में हमने बहुत काम किया। हमने और भी क्षेत्रों में काम किया, अब हमें जनता ने जो फैसला दिया है, उसके अनुरूप हम मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। उनकी वीडियो से लग रहा है की वो खासा गुस्से में हैं, और अब देखना यह होगा की ये गुस्सा क्या पंजाब में आप लहर ला पाएगा ..

हार के बाद दूरगामी असर
दिल्ली शिकस्त के बाद अरविंद केजरीवाल ने आने वाली मुश्किलों को पहले ही भांप चुके हैं, जिसके लिए पंजाब में फिर से चुनाव जीतने के लिए हर कदम उठाएंगे। आप को जानकारी के लिए बता दें की अगले दो साल में जो भी होगा उस पर केजरीवाल के फैसले की झलक साफ दिखाई देगी। इसलिए पंजाब के सीएम मान सहित विधायकों को सख्त निर्देश भी दिए गए की दिल्ली तो हार गए पर पंजाब हाथ से नहीं जाने देंगे। आपको बता दें की आम आदमी पार्टी की सरकार एकमात्र पंजाब में है ऐसे में आप में आने वाले दिनों में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। आप’ का पत्ता तो दिल्ली से कट चुका है अब देखना यह होगा की पंजाब के खेतों में क्या रंग लाती है आप की पुरजोर मेहनत। पंजाब में अपनी जगह पुख्ता करने के लिए आने वाले चुनाव में ‘आप’ नई रणनीति भी तैयार कर सकती है। राजनीति विशेषज्ञ कहते हैं की जनता के वादे पूरे नहीं किए हैं, दिल्ली को आप सरकार ने 10 साल दिए और नतीजा देश के सामने है। अब, केजरीवाल पंजाब की जनता को मोहने के लिए मोहनी मंत्र चलाने वाले है। दिल्ली तो हार गए पर अब पंजाब का विशेष रूप से ध्यान रखेंगे।

आप सरकार ने किये था कई वादे
आपने वादों को नाकाम करने के लिए जाने वाली आप पार्टी पंजाब में इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रही है। जी हां सत्ता में आने से पहले पार्टी ने कई वादे किए थे कि वो महिलाओं को हर महीने मासिक भत्ता देंगे। सरकार अब इस योजना में बदलाव पर विचार कर रही है। आप को जानकारी के लिए बता दें की 18 साल से ज़्यादा उम्र की हर महिला को 1,100 रुपये प्रति माह देने का वादा किया था। हालांकि इस साल के बजट में इसका ज़िक्र अभी स्पष्ट नहीं है, सूत्रों के अनुसार सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग ने विकल्प देते हुए कहा की यह योजना केवल अविवाहित महिलाओं और परिवार की मुखिया महिलाओं के लिए सीमित रखी जाएगी। हालांकि ग्राउंड वर्क पूरा हो चुका है, योजना शुरू होने का फैसला वित्त विभाग को लेना है। पिछले साल हुई बैठक में यह तय किया गया था की किसी भी योग्य महिला को इस योजना से वंचित नहीं रखा जाएगा। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। ‘आप’ पार्टी अपना गढ़ हार जाने के बाद क्या पंजाब में अपना सूरज चमका पाएगी?