सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्दों पर छिड़ी बहस, टीएमसी और कांग्रेस ने लगाए आरोप

बीते मंगलवार (19 सितंबर) को देश की नई संसद राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही हुई l इस कार्यवाही के दौरान महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) पेश किया गया l बता दें कि इस बिल पर आज चर्चा होनी हैं l परन्तु चर्चा से पहले सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्दों को लेकर एक नया मसला खड़ा हो गया है l जिस पर इस समय जोरदार बहस छिड़ी हुई है l कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के बाद तृणमूल कांग्रेस सांसद डोला सेना ने भी कहा, “संविधान की जो कॉपी सांसदों को दी गई उसमें सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द गायब है l”

आपको बता दें कि इस बहस पर टीएमसी सांसद ने आगे कहा, “मेरा सवाल यह है कि बिना किसी चर्चा के ये बदलाव कैसे किया गया l उन्होंने आगे कहा कि टीएमसी इसका विरोध करेगी l यह सरकार संविधान विरोधी है l” इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी सवाल करते हुए कहा था, “संविधान की जो नई प्रतियां आज (19 सितंबर) हमें दी गईं l जिन्हें हम अपने हाथों में पकड़कर (नए संसद भवन) में प्रवेश कर गए l इसकी प्रस्तावना में ‘सोशलिस्ट सेक्युलर’ शब्द नहीं है l” उन्होंने ये भी कहा, “हमने राहुल गांधी को इस बारे में बताया है, हमने दिखाया है कि संविधान के साथ फेर-बदल किया जा रहा है l संविधान को एक सोची समझी साजिश के तहत बदला जा रहा है l” नेता प्रतिपक्ष ने इस बात को बीते दिन मंगलवार को भी नई संसद में उठाने की कोशिश की थी l

आपको बता दें कि इस मुद्दे पर बीजेपी ने कहा कि इसका जवाब दिया जा चुका है l इस पर कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा, “संविधान की जो ओरिजनल कॉपी है वो दी गई है और इस पर कल जवाब भी दिया जा चुका है l” वहीं दूसरी तरफ बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, “ये मुद्दे से भटकाने की कोशिश है, बीजेपी को संविधान में अटूट भरोसा है l”

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