दिल्ली उच्च हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक निवास से कथित रूप से नकदी नोट बरामद होने का मामला सामने आया है। साथ ही में इनके ऊपर जांच भी चल रही है। आपको बता दें कि जब उनके घर से भारी मात्रा में कैश मिला तो पूरे देश में बवाल मच गया और यह मामला अभी चर्चा में था ही, इस बीच उनके घर के पास जलते हुए मलबे में नकदी नोट मिलने का भी एक वीडियो सामने आया है जिससे उनके ऊपर संकटों का पहाड़ टूट पड़ा है।

सफाईकर्मी ने खोली पोल मिले नोटों की ढेर …
दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के ऊपर संकट मंडरा रहा है और ये कैश विवादों में भी फंस गए हैं। अभी यह मामला चल ही रहा था कि तब तक एक और मामला सामने आया है जिसमें सफाईकर्मियों का दावा है कि उन्हें मलबे में 500 रुपये के जले हुए नोट मिले थे। साथ ही सफाईकर्मी इंदरजीत ने ANI से बात की और यह बताया कि हम इस एरिया में बस अपना काम करते हैं और हम सड़कों से कचरा इकट्ठा करते हैं। इसके बाद सफाईकर्मी ने बोला कि हम 4-5 दिन पहले यहां सफाई कर रहे थे और कचरा इकट्ठा कर रहे थे तभी अचानक हमें जली हुई 500 रुपए की नोटों के छोटे-छोटे टुकड़े मिले और हमने उस दिन इसे पाया। अब हमें 1-2 टुकड़े और मिले हैं। हमें नहीं पता कि आग कहां लगी थी। हम तो बस कचरा इकट्ठा करते हैं। साथ ही एक और सफाईकर्मी सुरेंद्र ने भी कहा कि हम इन कचरा वैन के साथ काम करते हैं, हम कचरा इकट्ठा करते हैं। 4-5 दिन पहले हमें जली हुई 500 रुपए की नोटें मिली थीं। अब भी हमें कुछ टुकड़े मिले हैं। ANI की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस यशवंत वर्मा ने दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय को इस मुद्दे पर संबोधित किया और अपनी ईमानदारी की रक्षा करने का प्रयास किया, जिसे उन्होंने बेबुनियाद आरोप बताया।

न्यायाधीश देवेंद्र ने ANI से बातचीत की …
दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने ANI से बातचीत करके कहा कि एक न्यायाधीश के लिए प्रतिष्ठा और चरित्र अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं और दुर्भाग्य से मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोपों के कारण मेरी प्रतिष्ठा को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि “मैं स्पष्ट रूप से इनकार करता हूं कि हमारे स्टोररूम से कोई रुपये नहीं मिले और न ही हमें कोई जली हुई मुद्रा दिखाई गई। घटना के दौरान जो सीमित मलबा बरामद हुआ, वह निवास के एक विशेष हिस्से तक ही सीमित था और वहां किसी भी रुपये का कोई सबूत नहीं था।” इसके बाद उन्होंने शनिवार रात को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर एक इन-हाउस जांच रिपोर्ट अपलोड की, जिसमें जस्टिस यशवंत वर्मा के निवास पर नकदी नोट की कथित खोज के बारे में फोटो और वीडियो शामिल थे। PTI की रिपोर्ट के अनुसार, 25 पृष्ठों की रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने जांच के लिए एक इन-हाउस समिति का गठन किया और दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय से कहा कि वे जस्टिस वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपें।

नकदी कैश मामले पर संजय ने दिया बड़ा बयान …
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से कैश मिलने को लेकर जारी विवाद अभी थमा भी नहीं था कि इनके ऊपर एक और बयान जारी हो गया। आम आदमी पार्टी राज्यसभा के सांसद संजय सिंह ने इस मामले को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट पर कहा है कि यह न्याय व्यवस्था के प्रति जनता के भरोसे का मामला है। साथ ही आप सांसद संजय सिंह ने एक्स पर लिखा है, “दिल्ली हाईकोर्ट जज यशवंत वर्मा के घर में नोटों की बोरियां नहीं, भारतीय न्यायपालिका की विश्वसनीयता जली है।” उन्होंने आगे यह भी कहा, “चर्चा तो यह भी है कि इन नोटों के बंडल का बड़ा हिस्सा रिटायर हो चुके एक साहब का है। इसके अलावा उन्होंने सवाल करते हुए पूछा कि क्या न्यायपालिका इस मामले में सख्त कार्यवाही कर अपने ऊपर लगे दाग को मिटाने की कोशिश करेगी? आपको बता दें कि जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़े इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डी के उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को शुक्रवार को एक रिपोर्ट सौंपी है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस उपाध्याय ने कैश मामले में साक्ष्य और जानकारी एकत्र करने के लिए इन-हाउस जांच प्रक्रिया शुरू की थी अब सुप्रीम कोर्ट का कॉलेजियम इस रिपोर्ट की जांच करेगा उसके बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई शुरू होगी।