Google Chrome

सुरक्षा को लेकर सरकार ने यूज़र्स को दी Google Chrome अपडेट करने की चेतावनी

Google Chrome: इंटरनेट आज के समय में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है l इसके बिना किसी भी देश का विकास होना असंभव हैं l जैसे जैसे इंटरनेट का विकास बढ़ रहा है वैसे वैसे इससे जुड़े खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा जरुरी है खुद को सुरक्षित रखना l भारत सरकार की भी पूरी कोशिश रहती है कि वह नागरिकों को साइबर अटैक से बचाया जा सकें। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए भारत सरकार ने एक नई चेतावनी दी है। आपको बता दें कि इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने गूगल क्रोम यूजर्स के लिए एक नई चेतावनी जारी की है। इस सरकारी निकाय ने बताया है कि उन्हें Google Chrome वेब ब्राउजर के कुछ वर्जन में नए सुरक्षा मुद्दे मिले हैं जो यूजर्स के डेटा और जानकारी को खतरे में डाल सकते हैं। सरकार ने बताया कि यह समस्या बहुत गंभीर है और रिपोर्ट किया है कि अगर इन कमजोरियों का शोषण किया जाता है, तो रिमोट हमला वरों को लक्षित सिस्टम पर मनमाना कोड निष्पादित करने की अनुमति मिल सकती है।

Google Chrome के ये वर्जन होंगे प्रभावित :-
अगर आप Mac और Linux का इस्तेमाल करते हैं तो बता दें कि इसके 114.0.5735.133 से पहले के वर्जन प्रभावित होंगे। जबकि विंडोज के लिए 114.0.5735.133/134 से पहले के वर्जन प्रभवित है।

क्यों होती है Google Chrome में समस्या :-

आपको बता दें कि Chrome के अंदर यह परेशानियां कई मुद्दों से आती हैं l खासकर ऑटोफिल भुगतान, WebRTC और WebXR में मुफ्त वर्जन और V8 में टाइप कन्फ्यूजन के कारण होती है। इन कमजोरियों का प्रभाव तब हो सकता है जब कोई यूजर अनजाने में हमले को ट्रिगर करने के लिए डिजाइन किए गए और विशेष रूप से तैयार किए गए वेब पेज पर जाता है। आपको बता दें कि संभावित हमलों से स्वयं को बचाने के लिए, सभी Google Chrome यूजर्स के लिए तत्काल कार्रवाई करना जरूरी है। यहां वे तरीके बताए गए हैं जिनका आप प्रयोग कर सकते हैं। हर यूज़र्स को सरकार ने Google Chrome ब्राउजर को तुरंत लेटेस्ट वर्जन में अपडेट करने की सलाह दी हैं l इसको अपडेट करने के लिए आधिकारिक Google Chrome वेबसाइट पर जाएं या उपलब्ध लेटेस्ट वर्जन को इंस्टॉल करने के लिए ब्राउजर की इन-विल्ड अपडेट सुविधा का उपयोग करें। Mac और Linux के लिए वर्जन 114.0.5735.133 और Windows के लिए वर्जन 114.0.5735.133/134 में अपडेट करने की सलाह दी जाती है। बता दें कि इन अपडेट वर्जन में पैच होते हैं, जो पहचानी गई कमियों को सम्बोधित करते है l

ऐसे रखे खुद को सुरक्षित :-

बता दें कि अपडेट की जांच सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य के सुरक्षा पैच और बग फिक्स तुरंत इंस्टॉल किए गए हैं, Google क्रोम सेटिंग्स में ऑटोमेटिक अपडेट सक्षम करें। सुरक्षित ब्राउजिंग अनुभव बनाए रखने के लिए ब्राउजर को अपडेटेड रखना जरूरी है। हमेशा ब्राउजिंग करते समय सावधानी बरतें l हमेशा वेब नेगेटिव करते समय सतर्क रहे l जितना हो सके अपरिचित और संदिग्ध वेबसाइटों को देखने से बचे l कभी भी किसी अविश्वसनीय स्रोतों से लिंक पर क्लिक करने या फाइलों को डाउनलोड करते समय विशेष रूप से सतर्क रहें l इससे संभावित रूप से मैलवेयर या फिशिंग प्रयासों का जोखिम हो सकता है।

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