"Farmers' Protest LIVE: Cops Brace For Faceoff At Shambhu Border; 14,000, 1,200 Tractors Gathered, Says MHA"

हरियाणा पुलिस ने किसानों से कहा-शान्तिपूर्ण प्रदर्शन करें, भारी मशीनों को धरनास्थल पर न लेकर आए

किसानों ने पिछले काफी समय से अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन किया हुआ हैं l पंजाब के हजारों किसान अलग-अलग शहरों व गांवों से पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर आकर डट गए हैं। किसानों की दिल्ली जाने की जिद्द को लेकर हुए प्रदर्शन पर अब हाल ही में हरियाणा पुलिस किसानों द्वारा शान्तिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए भारी मशीनरी जैसे जसीबी, पोकलेन, मशीन, आदि का प्रयोग न करने की घोषणा का स्वागत करती है l पुलिस ने बताया हैं कि वे प्रदर्शनकारियो से अपील की जाती है कि वे शान्ति बनाए रखें, धारा 144 का उल्लंघन न करें तथा कानून को अपने हाथ में न लें।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के द्वारा आदेश जारी

आपको बता दें कि माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेशानुसार ट्रैक्टर-ट्रालियों को राष्ट्रीय राजमार्गाें पर यातायात के साधन के रूप में प्रयोग करना मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि किसान प्रदर्शन में ट्रैक्टर-ट्रालियों का प्रयोग न करें। इसके साथ ही उन्होंने सलाह देते हुए यह भी कहा कि आवागमन के लिए यातायात के अन्य साधन जैसे बस, रेल इत्यादि का प्रयोग करें। इसी प्रकार पोकलेन, जेसीबी, हाईड्रा जैसी भारी मशीनों को धरनास्थल पर न लेकर आए क्योंकि शरारती तत्व इनका प्रयोग पुलिस पर हमला करने के लिए कर सकते हैं जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने किसानों को समझाते हुए यह कहा कि यदि आप अपनी मांगे रखना चाहते हैं तो शान्तिपूर्ण तरीके से ज्ञापन दें तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने में हरियाणा पुलिस का सहयोग करें।

आखिर क्या हैं किसानों की मांगे?

बता दें कि किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही किसानों का कहना हैं कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को केंद्र सरकार न्याय दे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें। वहीं किसान नेता चाहते हैं कि वह सभी किसानों का सरकारी और गैर सरकारी कर्ज माफ करें। इसके साथ ही उनकी मांग हैं कि 60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दी जाए l किसान नेता किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग भी कर रहे हैं। वहीँ कृषि व दुग्ध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाने की मांग की गई है। इसके साथ ही उनकी मांग हैं कि पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके परिवार को मुआवजा तथा एक सदस्य को नौकरी दी जाए l इसके साथ ही साल 2021-22 के किसान आंदोलन में जिन किसानों पर मुकदमें दर्ज किए गए थे, उन्हें रद्द करने की मांग शामिल है।

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