Gautam Buddha

कैसे बने गौतम बुद्ध से भगवान बुद्ध ?

बुद्धं शरणं गच्छामि। धम्मं शरणं गच्छामि।
संघं शरणं गच्छामि। बुद्धं शरणं गच्छामि।

आज 5 मई 2023 वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि है l इस दिन को गौतम बुद्ध के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है l आपको बता दे कि हिंदु धर्म शास्त्र में के अनुसार गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है। जैसा आप लोग जानते है कि बुद्ध पूर्णिमा वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि पर ही पड़ती है। बता दें कि इस महीने यह 5 मई यानी आज को मनाई जाएगी l बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है l दुनिया भर में बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म का मुख्य त्योहार है l यह शुभ दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान और मृत्यु का प्रतीक है, और बौद्ध संप्रदायों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। गौतम बुद्ध के लिए ऐसा कहा जाता है कि गौतम बुद्ध के जीवन की तीनों महत्वपूर्ण घटनाएं – उनका जन्म, ज्ञान और मोक्ष – वर्ष के एक ही दिन आते हैं। इस घटना के कारण, बौद्ध धर्म में इस दिन का अत्यधिक महत्व है।

गौतम बुद्ध का जन्म :-

गौतम बुद्ध का जन्म ईसा से 563 साल पहले जब कपिलवस्तु की महारानी महामाया देवी अपने नैहर देवदह जा रही थीं, तो रास्ते में लुम्बिनी वन में हुआ। यह स्थान नेपाल के तराई क्षेत्र में कपिलवस्तु और देवदह के बीच नौतनवा स्टेशन से 8 मील दूर पश्चिम में रुक्मिनदेई नामक स्थान है, वहां आता है। जहां एक लुम्बिनी नाम का वन था। उनका नाम सिद्धार्थ रखा गया। उनके पिता का नाम शुद्धोदन था। जन्म के सात दिन बाद ही मां का देहांत हो गया।

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