दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली सेवा विधेयक संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद मंगलवार को मंत्रालय के बदलाव में एक बड़ा फैसला लिया, जिसमे उन्होंने आतिशी को दो अहम विभागों की जिम्मेदारी दी हैं l उसमे दिल्ली सेवा और विजिलेंस विभाग शामिल है l अभी तक ये विभाग मंत्री सौरभ भारद्वाज के पास था। बता दें कि इस बदलाव के बाद मंत्री आतिशी मर्लेना और ज्यादा ताकतवर हो गई हैं। अब आतिशी के पास इन दो विभागों के अलावा वित्त, बिजली, शिक्षा, महिला और PWD विभाग, आर्ट और कल्चर, भाषा और टूरिज्म की भी जिम्मेदारी है। बता दें आतिशी दिल्ली के कालकाजी से आप की विधायक हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंत्रालय में बदलाव की मंजूरी वाली फाइल उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास भेज दी है।
आपको बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने 7 अगस्त को दिल्ली सेवा विधेयक राज्यसभा से पास होने के बाद कहा था कि बीजेपी वालों ने देखा है कि आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय राजधानी में हराना बहुत कठिन है l लगातार तीन विधानसभा चुनाव और एमसीडी चुनावों में बीजेपी को आम आदमी पार्टी ने मुँह तोड़ जवाब दिया है l बीजेपी वालों को अब एहसास हो गया है कि आप को चुनाव में हराना चुनौतीभरा काम है l इसलिए केंद्र ने चोर दरवाजे से दिल्ली सेवा विधेयक पेश कर आप सरकार की राह में बाधाएं खड़ी करने की कोशिश की है l इसी बीच सीएम केजरीवाल ने यह भी कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी को अहंकार हो गया है l उन्होंने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा है कि केंद्र दिल्ली में हस्तक्षेप न करे l
बता दें कि सोमवार 7 अगस्त को ही राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल पास किया गया है l लोकसभा में यह बिल पहले ही पास हो चुका है l इस बिल का पास होना दिल्ली सरकार के लिए बड़ा झटका है l अभी तक सौरभ भारद्वाज इस विभाग को संभाल रहे थे, लेकिन ताजा सियासी घटनाक्रम के एक दिन बाद ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों विभाग की जिम्मेदारी आतिशी को सौंप दी है l साथ ही इससे संबंधित फाइल विनय कुमार सक्सेना को भेज दी है l
बता दें कि इस बिल के पास हो जाने के बाद दिल्ली में सरकारी अधिकारियों के तबादले का अधिकार छिन गया है। मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के जेल जाने और उनके इस्तीफे के बाद दिल्ली सरकार में बदलाव किए गए थे।
क्या है Delhi Services Bill?
Delhi Services Bill वर्ष 1956 में दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। स्थानीय स्तर पर महानगर परिषद बनी। 1966 में दिल्ली एडमिनिस्ट्रेशन एक्ट बनाया गया। मुख्य आयुक्त की जगह एलजी ने ले ली। सात नवंबर 1966 को दिल्ली का पहला एलजी नियुक्त किया गया। महानगर परिषद एलजी को मात्र सलाह दे सकती थी। अधिकारों को लेकर केंद्र और केजरीवाल सरकार के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है।