नहीं रहे मुलायम सिंह यादव, 82 वर्ष की आयु में दुनिया को कह गए अलविदा

समाजवादी पार्टी के संगरक्षक और अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव का सोमवार सुबह निधन हो गया. वे पिछले 26 सितम्बर से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे. इसकी जानकारी उनके बेटे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करके दिया। मंगलवार को सफैई में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुलायम के निधन पर यूपी में 3 दिनों का राजकीय शोक रहेगा।

मुलायम यादव को 26 सितम्बर को मेदांता अस्पताल चेकउप के लिए लाया गया था और तब से वे यही पर थे. 2 अक्टूबर को उन्हें ICU में भर्ती कराया गया था. उन्हें यूरिन में इन्फेक्शन के साथ ही ब्लड प्रेशर की भी समस्या थी। बाद में हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटीलेटर पर शिफ्ट किया गया था। 22 नवंबर को 1939 को सैफई में जन्मे मुलायम यादव की पढाई-लिखाई इटावा, फतेहबाद और आगरा में हुई । पांच भाई-बहनो में मुलायम दूसरे नंबर पर आते थे। इन्होने दो शादियां की थी अखिलेश यादव इनकी पहली पत्नी मालती यादव के ही बेटे है। राजनीति में आने से पहले मुलया यादव कुश्ती लड़ा करते थे। एग्जाम छोडकर ये कुश्ती लड़ने चले जाते थे। 1960 में जब ये कॉलेज में पढ़ते थे तब इन्होने मंच पर एक दरोगा को चित्त कर दिया था।

मुलायम सिंह यादव पिछले दो सालों से बीमार चल रहे थे। अक्टूबर 2020 में उन्हें कोरोना भी हो गया था। अपने राजनीति दौर में मुलायम सिंह यादव यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री बने। इसके अलावा वे 8 बार विधानसभा के सदस्य भी रह चुके थे। नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव 7 बार लोकसभा सांसद और 9 बार विधायक भी चुने गए थे। मुलायम सिंह यादव ने अपनी पार्टी की घोषणा 4 अक्टूबर 1992 में लखनऊ में समाजवादी पार्टी के नाम से किया था।

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