NGO Wishes and Blessings organized a workshop on hygiene during menstruation at Kasturba Balika Vidyalaya.

एनजीओ विशेज़ एण्ड ब्लेसिंग्स ने कस्तूरबा बालिका विद्यालय में माहवारी के दौरान हाइजीन पर कार्यशाला का किया आयोजन

विशेज़ एण्ड ब्लेसिंग्स ने अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर माहवारी के दौरान हाइजीन के बारे में बढ़ाई जागरुकता
भारत में लड़कियों की शिक्षा में रूकावट बनने वाली सबसे बड़ी समस्या के समाधान के लिए दिल्ली के एनजीओ विशेज़ एण्ड ब्लेसिंग्स ने अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर दिल्ली के ईश्वर नगर में स्थित कस्तूरबा बालिका विद्यालय में माहवारी के दौरान हाइजीन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला के दौरान एनजीओ ने स्कूल की बालिकों को सेनिटरी हाइजीन के महत्व और इसके फायदों के बारे में जानकारी दी। इस कार्यशाला के बाद विशेज़ एण्ड ब्लेज़िंग्स ने ब्लिस नैचुरल पैड्स के सहयोग से बालिकों को सैनिटरी पैड भी वितरित किए।

‘हमारे समाज में माहवारी के विषय पर खुल कर बात करना उचित नहीं माना जाता। इस कार्यशाला के माध्यम से हम बालिकाओं को माहवारी के दौरान हाइजीन के बारे में जागरुक बनाना चाहते हैं। अक्सर किशोरियों को इस विषय पर सही जानकारी नहीं होती, क्योंकि समाज में आज भी इसे शर्म का विषय माना जाता है। ऐसे में वे खुलकर इस बारे में बात नहीं कर पातीं और माहवारी से जुड़े वैज्ञानिक पहलुओं एवं सैनिटरी प्रथाओं के बारे में अनजान रहती हैं। इन्हीं मुश्किलों की वजह से कई लड़कियां अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती हैं। हमारा उद्देश्य इस मुद्दे पर जागरुकता बढ़ाना और बालिकाओें को लिए एक समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करना है।’ विशेज़ एण्ड ब्लेसिंग्स की संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ गीतांजली चौपड़ा ने कहा।

कस्तूरबा बालिका विद्यालय के 150 से अधिक छात्रों एंव अध्यापकों ने इस कार्यशाला में हिस्सा लिया। छात्रों ने इस विषय पर उत्सुकता जताई और खुलकर सैनिटरी हाइजीन के बारे में बातचीत की। विशेज़ एण्ड ब्लेसिंग्स की टीम ने माहवारी के दौरान हाइजीन से जुड़े उनके सवालों के जवाब दिए।

‘जैसा कि अक्सर देखा जाता है सैनिटरी हेल्थ प्रेक्टिसेज़ के बारे में जानकारी न होने की वजह से अक्सर लड़कियां स्कूली शिक्षा बीच में ही छोड़ देती हैं। यूएन की चाइल्ड प्रोटेक्शन एजेन्सी यूनिसेफ द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक 71 फीसदी किशोरि को माहवारी के बारे में जागरुकता नहीं होती। हम एनजीए विशेज़ एण्ड ब्लेसिंग्स के प्रति आभारी हैं जिन्होंने इस वर्कशॉप का आयोजन किया। हम इस मामले पर बच्चों को सुरक्षित बनाने और ज़रूरी जानकारी प्रदान करने के लिए प्रयास करते रहेंगे।’ कस्तूरबा बालिका विद्यालय की वाईस प्रिंसिपल अनीता शर्मा ने कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *