"ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा अधिकार, ये पूरा मामला क्या है? - BBC News हिंदी"

ज्ञानवापी मस्जिद के व्यासजी तहखाने में हिन्दू पक्ष की पूजा पर रोक की याचिका, आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में उठाया मुद्दा

मुस्लिम पक्ष को बुधवार यानी कल उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिला जज कोर्ट की तरफ से एक बड़ा झटका मिला हैं l मुस्लिम पक्ष को झटका इस बात से लगा कि व्यासजी तहखाने में अब हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार दिया गया हैं l अपने आदेश में वाराणसी जिला प्रशासन को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने आदेश दिया कि सात दिनों के भीतर व्यासजी तहखाने में पूजा- पाठ की व्यवस्था को पूरी तरह से बहाल किया जाए। कोर्ट के अनुसार पूजा का आदेश जारी होने के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर इसे खोलने की तैयारी भी शुरू की गई l यह सब देखने और सुनने के बाद अब मुस्लिम पक्ष हरकत में आ गया हैं l इतना ही नहीं इसके अलावा ज्ञानवापी मस्जिद की संचालक अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद देर रात को सुप्रीम कोर्ट पहुंची। इसी दौरान उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के व्यासजी तहखाने में पूजा को रोकने की भी मांग की l मुस्लिम पक्ष की याचिका पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुबह करीब 3 बजे सुनवाई की। मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्होंने शीर्घ कोई राहत देने से इनकार कर दिया। मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट में जाने का आदेश दिया गया।

जिला कोर्ट के फैसले को चुनौती

आपको बता दें कि ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने में हिन्दू पक्ष को पूजा की इजाजत पर वाराणसी जिला कोर्ट के आदेश के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने गुरुवार सुबह 3 बजे सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमिटी की ओर से वकीलों की टीम ने 3 बजे सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के सामने मुद्दा रखा। उन्होंने मामले के बारे में बताते हुए वहां पूजा पर रोक लगाने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग भी की। निचली अदालत के आदेश पर मुस्लिम पक्ष ने फ़ौरन रोक की मांग की। मुस्लिम पक्ष का कहना था कि हमें दूसरे कानूनी राहत के विकल्प आजमाने का समय मिले, इसके लिए आदेश जारी किया जाए। मुस्लिम पक्ष की मांग को सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने सुबह 4 बजे चीफ जस्टिस के सामने पेश किया l चीफ जस्टिस ने सारे मामले को समझने के बाद मुस्लिम पक्ष से इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने को कहा। चीफ जस्टिस ने कहा कि मुस्लिम पक्ष किसी भी तरह की राहत पाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के सामने मामले को रखे। इस प्रकार मुस्लिम पक्ष को शीर्घ राहत देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया।

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