बीते कुछ दिनों से एक मुद्दा हमारे लोकतंत्र के लिए खतरा बनकर उभरा है। सोशल मीडिया पर इसने हड़कंप मचा रखा हैं l ‘डीपफेक’ वीडियो हमारे आस-पास के वातावरण के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित हुआ हैं l भारत सरकार के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दो टूक कहा है। उन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया मंच के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। आइए जानते हैं उन्होंने ‘डीपफेक’ वीडियो की रोकथाम के लिए क्या कहा?
बता दें कि ‘डीपफेक’ वीडियो की रोकथाम को लेकर मंत्री ने कहा कि ‘डीपफेक’ से निपटने के लिए हमारे पास जल्द ही नए नियम होंगे। वैष्णव ने बताया कि सोशल मीडिया मंच इस बात पर सहमत हुए कि ‘डीपफेक’ का पता लगाने, उसे रोकने के लिए स्पष्ट कार्रवाई की जरूरत है।
क्या हैं पूरा मामला?
बता दें कि पिछले दिनों, बॉलीवुड के कई कलाकारों को निशाना बनाने वाले ‘डीपफेक’ वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए। सारा तेंदुलकर और शुभमन गिल का एक फोटो भी एडिट करके डाला गया। इसपर कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की। इससे नकली सामग्री बनाने के लिए तकनीक के दुरुपयोग को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए।
पीएम मोदी की ‘डीपफेक’ पर प्रतिक्रिया
बता दें कि पिछले शुक्रवार को पीएम मोदी ने आगाह किया था कि ‘डीपफेक’ बड़े संकट का कारण बन सकते हैं। यह मुद्दा समाज में असंतोष उत्पन्न कर सकता हैं। उन्होंने साथ ही लोगो से और मीडिया से इसके दुरुपयोग को लेकर जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने का आग्रह भी किया था। सरकार ने हाल ही में इस मुद्दे पर कंपनियों को एक नोटिस जारी किया था। ‘डीपफेक’ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करते हुए किसी तस्वीर या वीडियो में मौजूद व्यक्ति की जगह किसी दूसरे को दिखा दिया जाता है। इसमें इतनी समानता होती है कि असली और नकली में अंतर करना काफी मुश्किल होता है। ऊपर की फोटोज में बाएं वाली ‘डीपफेक’ है और दायीं तरफ वाली असली।
अश्विनी वैष्णव ने कहा-
केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार की मीटिंग के बाद कहा, ‘हम आज ही रेगुलेशन का ड्राफ्ट तैयार करना शुरू कर देंगे और कुछ ही समय में हमारे पास ‘डीपफेक’ से निपटने के लिए नए नियम होंगे… यह मौजूदा ढांचे में संशोधन या नए नियम या नया कानून लाने के रूप में हो सकता है।’ इसके साथ ही वैष्णव ने कहा, ‘हमारी अगली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी…आज किए गए फैसलों पर उसमें आगे की चर्चा होगी। ड्राफ्ट रेगुलेशन में क्या शामिल किया जाना चाहिए, इस पर भी चर्चा की जाएगी।’