PM Modi instructed to answer strictly on Sanatan Dharma, opposition's problems may increase

पीएम मोदी ने सनातन धर्म पर दी सख्ती से जवाब देने की हिदायत, बढ़ सकती है विपक्ष की मुश्किलें

उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म के ऊपर विवादित बयान के बाद सियासी सतरंज पर विपक्षियों की चाल उलटी पड़ सकती है। उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को मिटाने को लेकर दिए गए बयान पर पूरे देश में आक्रोश है तो वहीं स्टालिन ने अपने दिए गए बयान पर माफी मांगने से इंकार कर दिया है। बता दें उदयनिधि स्टालिन का यह बयान देश के तीन राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुए चुनावों से पहले आया था । आगामी 2024 चुनाव से पहले ऐसा बयान शायद चुनाव में बढ़ा सकता है विपक्ष की मुश्किलें।

पीएम मोदी की विपक्ष को हिदायत

बता दें कि बीते बुधवार को पीएम मोदी ने जी20 को लेकर हुई बैठक में उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म विरोधी बयान पर अच्छे से जवाब देने को कहा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जी20 की ब्रीफिंग के बाद पीएम ने अनाधिकारिक रूप से वहां मौजूद मंत्रियों को निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने सरकार और पार्टी कार्यकर्ताओं को इंडिया बनाम भारत की लड़ाई से दूर रहने की बात भी कही। पीएम मोदी ने आगे कहा कि उन कार्यकर्ताओं को भारत बनाम इंडिया की लड़ाई में नहीं कूदना चाहिए जिनके पास इसको काउंटर करने को लेकर पर्याप्त तर्क नहीं है जिनको इस विषय के बारे नहीं पता वो नहीं बोले। यहां उन लोगों को ही बयान देना चाहिए जिन्होंने इस विषय पर पूरी अपनी तैयारी कर रखी है। उन्होंने इस बात के भी संकेत देते हुए कहा कि केंद्र सरकार आने वाले दिनों में इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करेगी। पीएमओ की इस बात से ये साफ अंदाजा लग गया है कि जल्द ही केंद्रीय सरकार भारत बनाम इंडिया पर नाम बदलने का प्रस्ताव ला सकती है।

INDIA गठबंधन की बढ़ सकती है मुश्किलें

आपको बता दें कि उदयनिधि स्टालिन का सनातन धर्म वाला बयान देश के तीन राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुए चुनावों से पहले आया था। जो बीजेपी के लिए लाभ दिला सकती है और साथ ही सियासी सतरंज पर बीजेपी का दाव भी मजबूत कर सकती है। बीजेपी के लिए यह बयान किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि इन तीनो राज्यों कि बहुसंख्यक आबादी सनातन धर्म को मानने वाली है। इन राज्यों में बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस से है। जहा एक तरफ विपक्ष का एक और गलत कदम उन्हें 2024 से पूरी तरह से निकाल सकती है। बता दें कि हाल फिलाल ही में बने इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ही है। इसी गठबंधन में उदयनिधि स्टालिन की पार्टी डीएमके भी शामिल है। अब विपक्ष का एक और गलत कदम उनके नए नवले गठबंधन को ज़मीन पर बिखरी मोतियों के सम्मान बिखेर सकता है।

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