Chauri Chaura

रवि किशन की फिल्म “1922 प्रतिकार चौरीचौरा’ 30 जून को हो रही रिलीज़

फ़िल्म अभिनेता और सांसद रवि किशन के मुख्य अभिनय से सजी फिल्म “1922 प्रतिकार चौरीचौरा’ 30 जून को रिलीज़ होने जा रही है। सौ साल पहले 1922 में अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचार के खिलाफ उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला के चौरी चौरा गांव में जनता ने आवाज बुलंद की थी। इस क्रांतिकारी बगावत की वजह से कई क्रांतिकारी शहीद हुए। चौरी चौरा की घटना के 100 वर्ष पूरे होने पर इस घटना पर आधारित फिल्म ‘1922 प्रतिकार चौरी चौरा’ अब रिलीज़ के लिए तैय्यार है। निर्माता निर्देशक अभिक भानु की इस फिल्म में रवि किशन ने मुख्य भूमिका निभाई है। फ़िल्म के ट्रेलर ने दर्शकों के बीच इस फ़िल्म को लेकर उत्सुकता जगाई है और लोग अनसुनी सच्चाई को बड़े पर्दे पर देखने को बेताब हैं।

फ़िल्म हमारे देश के रियल हीरोज के बारे में है जिन्होंने जुल्म के विरुद्ध क्रांति की और अपनी जान भी गंवाई। उस घटना की सच्चाई को निर्देशक अभिक भानु इस सिनेमा के द्वारा लेकर आ रहे हैं, जो सरायु विज़न द्वारा प्रस्तुत की जा रही है। सार्थक सिनेमा द्वारा इसे पूरे भारतवर्ष में रिलीज किया जा रहा है।

इस सिनेमा में चौरीचौरा आंदोलन के हीरो रहे भगवान अहीर का किरदार मशहूर फिल्म अभिनेता रवि किशन ने निभाया है, वहीं भारतेन्दु नाट्य अकादमी के चेयरमैन रविशंकर खरे ने पंडित मदन मोहन मालवीय के चरित्र को निभाया है। कलाकारो में ममता जीतवानी, विजय त्रिवेदी, सपना त्रिवेदी का नाम भी उल्लेखनीय है। फ़िल्म में ममता जितवानी का अभिनय बहुत ही सराहनीय है। फ़िल्म में सौरभ शुक्ल, अनिल नागरथ, उपेन्द्र पांडेय, दीप शर्मा, पवन पांडेय, त्रिशू राज, विजय डे ने भी अभिनय किया है।

रवि किशन का कहना है कि चौरीचौरा का इतिहास स्कूलों में पढ़ाना और परदे पर दिखाना काफी आवश्यक है। कुछ लोगों ने चौरीचौरा की क्रांति के असल रूप को दबाया। ऐसा करना हमारे देश के क्रांतिकारियों के साथ एक धोखा है। हम और हमारी आने वाली पीढ़ी भी यह जानना चाहेगी कि हमारे अतीत में क्‍या घटित हुआ था। देखा जाए तो पूर्वांचल के वे क्रांतिकारी असली हीरो थे, जिनका नाम कभी इतिहास में दर्ज नहीं किया गया। इस फिल्‍म के माध्‍यम से जनता तक उन क्रांतिकारियों के बलिदान को पहुंचाने की कोशिश की गई है।”

निर्माता निर्देशक अभिक भानू ने कहा कि जब मैंने यह सुना कि चौरी चौरा घटना में काफी तथ्यों को छुपाया गया है तो मैंने इस विषय पर सिनेमा बनाने का सोचा। उसके बाद हमने काफी गहरा शोध किया। रिसर्च के दौरान कई ऐसे दस्तावेज मिले, जिनमें ढेर सारे अनसुने और अनकहे तथ्य सामने आए। इस घटना पर शाहिद अमीन और प्रो. हिमांशु चतुर्वेदी की लिखी पुस्तकों सहित कई किताबो को पढ़ा। उस वक्त इस घटना को कांड कहा गया जबकि हमने फिल्म के ट्रेलर में भी कहा है कि वह कांड नहीं क्रांति थी।” सरायु विज़न के बैनर तले बनी फिल्म 1922 प्रतिकार चौरीचौरा के निर्माता निर्देशक अभिक भानू, डीओपी मनोज गुप्ता, संगीतकार शुभांश तिवारी हैं। फ़िल्म के सह निर्माता अनुज खरे|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *