Arvind Kejriwal

‘भारत’ और ‘इंडिया’ दोनों नामों को लेकर देश में छिड़ा बवाल, INDIA का नाम भारत करने की राह नहीं है आसान

‘भारत’ और ‘इंडिया’ दोनों नामों को लेकर देश में एक नई बहस शुरू हो गयी है l सभी लोग अभी तक देश को इन्ही दोनों नामो से बुलाते थे l परन्तु अब हाल ही में देश में ‘भारत’ और ‘इंडिया’ दोनों नामों को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ा हुआ है l क्या अब देश का नाम सिर्फ ‘भारत’ ही हो जायेगा, क्या ‘इंडिया’ शब्द को हमेशा के लिए हटा दिया जायेगा l यूसीसी और ‘एक-राष्ट्र, एक चुनाव’ के बाद अब अनुमान लगाए जा रहे हैं कि अनुच्छेद 368 के तहत एक संवैधानिक संशोधन किया जाएगा और हमारे देश के नाम को ‘इंडिया’ से आधिकारिक तौर पर ‘भारत’ कर दिया जाएगा। मीडिया में चर्चा है कि मोदी सरकार 18 से 22 सितंबर तक चलने वाले विशेष सत्र में संविधान से ‘इंडिया’ शब्द हटाने का प्रस्ताव ला सकती है l

आखिर कैसे शुरू हुई थी ‘INDIA’ या ‘भारत’ को लेकर बहस?

जानकारी के लिए बता दें कि देश के नाम को ‘इंडिया’ से ‘भारत’ करने की मांग पहले भी एक बार उठाई जा चुकी है l परन्तु अब यह चर्चा का विषय तब बना जब G-20 समिट के लिए विभिन्न राष्ट्र प्रमुखों को राष्ट्रपति की ओर से जो न्योता भेजा गया, उसमें ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा था l

एक बार पहले भी उठ चुकी है मांग

इससे पहले भी एक बार देश के नाम को बदलने का विषय चर्चा में आ चुका है l देश के नाम को बदलने का प्रयास इससे पहले भी किए जा चुके है l बता दें कि साल 2015 में गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ ने एक प्राइवेट बिल पेश करके ‘इंडिया दैट इज भारत’ की जगह ‘इंडिया दैट इज हिंदुस्तान’ करने की मांग की थी l इससे पहले 2012 में कांग्रेस के सांसद शांताराम नाइक ने भी नाम बदलने के लिए प्राइवेट बिल पेश किया था l साल 2016 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था l

क्या है संविधान में इंडिया या भारत?

आपको बता दें कि संविधान में देश के दो नामों का उल्लेख किया गया है l इसमें पहला- भारत और दूसरा- इंडिया है l भारतीय संविधान में लिखा है, ‘इंडिया दैट इज भारत’ l इसका अर्थ यह हुआ कि देश को दोनों में से किसी भी नाम से संबोधित किया जा सकता है l हम लोग ‘भारत सरकार’ या ‘गवर्नमेंट ऑफ इंडिया’ दोनों कह सकते है l जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत के संविधान के निर्माण के समय एक संविधान सभा का गठन किया गया था l उस समय भी देश के नाम को लेकर सदस्यों के बीच विवादित बहस हुई थी l संविधान सभा के सदस्य एचवी कामथ और सेठ गोविंद दास सहित कई सदस्यों ने अंबेडकर समिति द्वारा देश के दो नाम (इंडिया और भारत) सुझाये जाने पर आपत्ति जताई थी l उस समय इस विषय में कामथ ने संविधान के अनुच्छेद 01 में संशोधन का प्रस्ताव रखा था l उन्होंने ‘इंडिया दैट इज भारत’ पर आपत्ति जताई थी l इसके साथ ही उन्होंने देश के लिए ‘हिंदुस्तान, भारतभूमि और भारतवर्ष’ जैसे नाम सुझाए थे l इसी बीच देश के दो नाम को लेकर, श्रीराम सहाय, बीएम गुप्ता, हर गोविंद पंत और कमलापति त्रिपाठी जैसे सदस्यों ने भी विरोध किया था l यह सभी सदस्य भी देश के एक नाम के पक्ष में ही थे l इस विषय को लेकर कमलापति त्रिपाठी और डॉ. बीआर अंबेडकर के बीच बहस भी हुई थी l

आइए जानते है क्या है नाम बदलने की संवैधानिक प्रक्रिया?

बता दें कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद-1 में लिखा है- ‘इंडिया, दैट इज भारत, जो राज्यों का संघ होगा l अनुच्छेद-1 के तहत संविधान में ‘भारत’ और ‘इंडिया’ दोनों नामों को मान्यता दी गई है l ऐसे में यदि देश के नाम को बदलने की प्रक्रिया में संविधान के अनुच्छेद-1 में संशोधन करना होगा और इसके लिए सरकार को संसद में बिल लेकर आना होगा l जानकारी के लिए बता दें कि यदि केंद्र सरकार विशेष सत्र में नाम बदलने का प्रस्ताव लाती है तो सरकार को इस बिल को पास कराने के लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत की आवश्कता होगी l

देश का नाम बदलने पर केजरीवाल का बीजेपी पर तीखा वार

बता दें कि देश का नाम बदलने की चर्चा के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ी टिप्पणी की है l केजरीवाल ने कहा है कि अगर I.N.D.I.A अपना नाम बदल लेगी तो बीजेपी क्या करेगी? उन्होंने कहा कि मेरे पास कोई आधिकारिक सूचना नहीं है, लेकिन जैसा आप बता रहे हैं, वैसी उड़ती-उड़ती हवा हमने भी सुनी है. I.N.D.I.A. नाम का एलायंस बना है, क्या एलायंस के लिए नाम बदल देंगे? क्या कल किसी ने नाम BHARAT रख लिया तो क्या आप भारत का नाम भी बदल देंगे? अपने बयान में उन्होंने आगे कहा कि हमारा देश 140 करोड़ लोगों का है l क्या होगा अगर इंडिया गठबंधन अपना नाम बदलकर ‘भारत’ गठबंधन कर ले, तो क्या वे बीजेपी नाम ‘भारत’ बदल देंगे? सीएम ने कहा कि I.N.D.I.A. गठबंधन से ये बहुत ज्यादा बौखलाए हुए हैं l वन नेशन वन इलेक्शन पर सीएम ने कहा कि इससे जनता को क्या फायदा है? क्या इससे महंगाई और बेरोजगारी कम हो जाएगी, अगर वन नेशन वन इलेक्शन हुआ तो महंगाई बढ़ जाएगी l

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