पिछले कुछ समय से पुरे देश में टाइटैनिक जहाज के मलबे का विषय चर्चा में बना हुआ है l बता दें कि (वॉशिंगटन) अप्रैल 1912 में अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक जहाज डूबा उस जहाज में सवार 1500 लोग गहरे समंदर में समा गए। 111 साल बाद उसी टाइटैनिक जहाज की वजह से एक बार फिर पांच लोग सागर में डूबकर मरने के लिए मजबूर हो गए। ओशनगेट की पनडुब्बी 5 अरबपतियों को समंदर में टाइटैनिक जहाज का मलबा दिखाने ले गई थी l उसी दौरान यह हादसा हुआ जिसमे 5 अरबपतियों ने अपनी जान गवा दी l टाइटैनिक जहाज के मलबे को इतिहासकार सबसे मशहूर मलबा करार देते हैं। अपनी पहली यात्रा से लेकर डूबने तक और आज भी टाइटैनिक हमेशा उस चर्चा का विषय है जो रहस्य से भरी हुई थी। आखिर इस जहाज के मलबे में ऐसा क्या है जो लोग अभी तक इसे देखना चाहते हैं।
आइए जानते है क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि 111 साल पहले अटलांटिक में डूबे हुए टाइटैनिक जहाज का मलबा आज भी मौजूद है l टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए गई एक छोटी सी पनडुब्बी जिसमें पांच लोग सवार थे, उसका मलबा काफी तलाश के बाद मिल गया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि रविवार को पांच लोग एक पनडुब्बी के जरिए समुद्र की गहराई में गए थे। गोता लगाने के कुछ देर बाद ही उनका संपर्क टूट गया। कई दिनों की मशक्कत के बाद शुक्रवार की सुबह पनडुब्बी का मलबा मिला l पनडुब्बी के हादसे का शिकार होने के पीछे विशेषज्ञ कई अनुमान लगा रहे हैं। हालांकि इसके सही कारण का पता लगाने के लिए समुद्र की सतह पर मौजूद पनडुब्बी के टुकड़ों को इकट्ठा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि अगर एक छोटी सी गलती न हुई होती तो इन सभी 5 लोगों की जान बच सकती थी l
बता दें कि पनडुब्बी का संचालन करने वाली कंपनी OceanGate Company के मुताबिक इस हादसे में मरने वाले लोग में ब्रिटिश-पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद (एंग्रो कोर्प के उपाध्यक्ष) और उनका बेटा सुलेमान, ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग, फ्रांसीसी पर्यटक पॉल-हेनरी नार्गियोलेट और ओशनगेट के सीईओ स्टॉकटन रश सवार थे l समुन्द्र तल से 3.8 किलोमीटर की गहराई में एक रोबॉट ने पनडुब्बी के मलवे को खोज भी लिया l अमेरिकी कोस्ट गार्ड के अधिकारी ने बताया कि डूबे हुए टाइटैनिक जहाज से 1600 फिट दूरी पर पनडुब्बी का मालवा मिला था l इस हादसे का कारण प्रेशर चैम्बर में खराबी बताई जा रही है l पनडुब्बी के मलवे में उसका लैंडिंग फ्रे और पिछला हिस्सा शामिल है l एक रिपोर्ट में बताया गया कि लापता पनडुब्बी में 10 साल पुराने गेमिंग कंट्रोलर का इस्तेमाल किया गया था, जिसने काम करना बंद कर दिया होगा l वहीं, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पनडुब्बी जब गहराई में जा रही थी, तो उसमें तकनीक खराबी आ गई होगी और, ये भी हो सकता है कि वो टाइटैनिक जहाज के मलबे से टकराकर फंस गई हो l इन सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं l पनडुब्बी के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजहों को जानने की कोशिश की जा रही है l