पुरे देश भर में कल से ही दिवाली का आगमन शुरू हो चूका है। आज 11 नवंबर को देशभर में छोटी दिवाली मनाई जा रही है। छोटी दिवाली पर प्रदोष काल में यम का दीपक जलाने का विधान है।
प्रदोष काल में यम का दीपक जलाने का विधान
पुरे देशभर में आज छोटी दिवाली मनाई जा रही है। छोटी दिवाली पर प्रदोष काल में यम का दीपक जलाने का विधान है। आपको बता दें यह दीपक मृत्यु के देवता यमराज के लिए जलाया जाता है। ऐसा ग्रंथो में लिखा है कि छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। कहते हैं कि इस दिन यमराज से प्रार्थना करते हैं कि वे नरक का द्वार बंद कर दें ताकि परिवार का कोई भी सदस्य अकाल मृत्यु का शिकार न हो। बता दें आज छोटी दिवाली के दिन यमराज और उनके वाहन भैंसे का अपमान नहीं करना चाहिए। उनके लिए शाम के समय में यम का दीपक जरूर जलाना चाहिए। किसी कारणवश आप यम का दीपक नहीं जला पा रहे हैं तो उसके लिए यम से क्षमा प्रार्थना कर लें क्योकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग छोटी दीवाली पर यम का दीपक जलाते हैं उनको जीवन के अंत समय में कष्टों से मुक्ति मिलती है और नरक की यातनाएं नहीं सहनी पड़ती। उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है।
यम दीपक जलाने का सही विधि
ज्योतिषाचार्य के अनुसार छोटी दिवाली यानि नरक चतुर्दशी पर प्रदोष काल में यम का दीपक जलाते हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल प्रारंभ होता है। आज सूर्यास्त शाम को साढ़े 5 बजे होगा। आपको बता दें कि आज 11 नवंबर को देशभर में छोटी दिवाली मनाई जा रही है। आज ही के दिन छोटी दिवाली पर प्रदोष काल में यम का दीपक जलाने का विधान भी है। यह दीपक मृत्यु के देवता यमराज के लिए जलाया जाता है। सबसे पहले मिट्टी का एक चौमुखा दीपक लें फिर उसमें रूई की 4 बत्ती लगाएं फिर उस बत्ती को इस प्रकार से लगाएं कि वो चार दिशाओं को इंगित करता हो। आगे उस दीपक को सरसों के तेल से भर दें और पूजा स्थान पर रख दें। फिर उसे घर में चारों तरफ घुमा दें उसके बाद घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में यम के दीपक को रखें उस दीपक के नीचे कोई अनाज रख दें। बता दें कई स्थानों पर यम का दीपक नाली के पास या अन्य स्थानों पर रखा जाता है।