केंद्रीय मंत्री ने किसान आंदोलन को लेकर कहा-'ये किसान आंदोलन नहीं कुछ और ही है'

केंद्रीय मंत्री ने किसान आंदोलन को लेकर कहा-‘ये किसान आंदोलन नहीं कुछ और ही है’

किसानों ने बीते कुछ दिनों से अपनी मांगो को लेकर किसान आंदोलन जारी किया हुआ हैं l इसी दौरान केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने इस पर टिप्पणी की है l यूपी स्थित बागपत में प्रेस कॉन्फ्रेन्स के दौरान वीके सिंह ने कहा कि जो तस्वीरें निकल कर आ रही है उनसे ऐसा लग रहा है कि ये किसान आंदोलन नहीं कुछ और ही है l इस बीच गाजियाबाद से सांसद ने कहा कि वैसे भी ये आंदोलन सिर्फ पंजाब का है l फ्री फसल पर msp एकदम से लागू करना सम्भव नहीं है l उन्होंने बताया कि 22 फसलों पर पहले से ही msp लागू है l किसानों की मांग के अनुसार एकदम से msp लागु करना सम्भव भी नहीं है इसके लिए समय चाहिए l बता दें केंद्रीय मंत्री का ऐसा कहना हैं कि केंद्र की मोदी सरकार किसानो की हितेषी है अगर किसान सम्मान निधि और किसानो को मिलने वाली अन्य सुविधाओं को जोड़ दिया जाये तो रक्षा बजट से भी ज्यादा क़ृषि को मिल रहा है l

दालें, मक्का एमएसपी पर खरीदने के लिए केंद्र ने पांच वर्षीय समझौते का प्रस्ताव रखा

बता दें कि तीन केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति ने किसानों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेन्स के बाद दाल, मक्का और कपास सरकारी एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने के लिए पांच वर्षीय समझौते का प्रस्ताव रखा है l यह जानकारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दी हैं l रविवार को चंडीगढ़ में मंत्रियों के साथ बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि वे सोमवार और मंगलवार को अपने मंच पर सरकार के प्रस्ताव को लेकर चर्चा करेंगे और उसके बाद आगे का फैसला लेंगे l हजारों किसान फसल खरीद के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और अन्य मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा की सीमा पर डटे हुए हैं l किसानों के मुद्दे पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री गोयल, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत की l

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी बैठक में शामिल हुए

बता दें यह बैठक रात आठ बजकर 15 मिनट पर शुरू होकर करीब चार घंटे तक चली l गोयल ने बैठक के बाद मीडिया से कहा कि वार्ता के दौरान ‘नवोन्मेषी’ और ‘लीक से हटकर’ सुझाव रखे गये और किसान नेता सोमवार सुबह तक सरकार के प्रस्ताव पर निर्णय लेंगे l

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *