Why can't Nitish Kumar become the coordinator of INDIA? Prashant Kishore made a big disclosure

क्यों नहीं बन सकते नीतीश कुमार INDIA के संयोजक? प्रशांत किशोर ने किया बड़ा खुलासा

प्रशांत किशोर ने INDIA Mumbai Meeting से पहले सीएम नीतीश कुमार पर कटाक्ष किया l उन्होंने तीखे स्वर में कहा कि “जिसका अपने राज्य में अपना पैर रखने का ठिकाना नहीं है, तो आप देश के स्तर पर भला क्या करेंगे l”

आपको बता दें कि INDIA गठबंधन की बैठक से पहले संयोजक बनाए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान इन दिनों काफी सुर्खियों में बना हुआ है l उन्होंने अपने बयान में कहा कि “हमको कुछ नहीं बनना है l” इसके साथ ही दूसरी तरफ सूबे के सीएम के इस बयान पर तंज कसते हुए जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने सवाल खड़े किए हैं l उन्होने तीखे स्वर में कहा कि जहां तक विपक्षी एकता से सन्दर्भ में नीतीश के प्रयास का सवाल है, उनकी अपनी हालत इतनी खराब है, जो अपने राज्य में अपना पैर रखने का ठिकाना नहीं है, तो आप देश के स्तर पर भला क्या करेंगे l उनका यही बयान अब सुर्ख़ियों में छाया हुआ हैं l साथ ही उन्होंने कहा कि अगर, आप ऑर्डर में देखें, तो सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है, उसके बाद तृणमूल, उसके बाद डीएमके है, जो पूरे-पूरे राज्य जीतकर बैठे हैं, उनके पास 20-20, 25-25 एमपी हैं l वह अपने राज्यों में जीतने का दावा कर सकते हैं l नीतीश कुमार के पास कुछ है ही नहीं, न दल बचा है, न इमेज बचा है l तो किस आधार पर आपको संयोजक बना दिया जाए l आप कर्नाटक, तमिलनाडु, बंगाल में जाकर देखिए भला कौन नीतीश कुमार की चर्चा कर रहा है l

RJD पर भी किया तीखा वार

बता दें कि प्रशांत किशोर ने RJD पर कटाक्ष करते हुए बोले कि जिस दिन महागठबंधन की सरकार बिहार में बनी, उसी दिन मैंने कहा था कि बिहार का महागठबंधन बिहार की घटना है, इसका राष्ट्रीय राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है l अब आप लोगों का ये मानना है कि ये इतना मजबूत दल है कि ये डिसाइड कर सकते हैं l जिस दल के पास जीरो एमपी हैं, वो बताएंगे कि कौन देश चलाएगा l नीतीश के पास 42 विधायक व 16 एमपी हैं, इस बार वो कितनी सीटें लाएंगे ये सबको मालूम है l

बता दें प्रशांत किशोर ने भड़कते हुए कहा कि जब आपकी खुद की ताकत नहीं है, आपके खुद के 10 एमपी नहीं हैं, तो आप देश की राजनीति में भला क्या भूमिका अदा कर सकते हैं l संसद में NDA और I.N.D.I.A. के मिलाकर 26-27 दल दोनों तरफ बैठते हैं, इसमें दो तिहाई दल ऐसे हैं जिसके एक भी एमपी नहीं है l वो तो संख्या गिनाने के लिए दलों की परिपाटी है इसलिए सबको बैठा लिया l इसका मतलब ये थोड़ी है कि वो राष्ट्रीय राजनीति को उलट-पुलट कर देंगे l

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *