"Shiva - शिव जी को अर्धनारीश्वर भी कहा जाता है, जैसा की अर्धनारीश्वर शब्द का अर्थ कहता है की (अर्ध – आधा, नारी – महिला, ईश्वर – भगवान) यानी की भगवान ..."

एक ही दिन पड़े महिला दिवस और शिवरात्रि दो खास उत्सव, दोनों ही पर्व दर्शाते हैं नारी शक्ति का महत्त्व

सत्यम शिवम् सुंदरम ! आज 8 मार्च हैं, यह तारीख कोई आम तारीख नहीं हैं, आज महाशिवरात्रि का शुभ पर्व हैं l वैसे तो महाशिवरात्रि अपने आप में ही बेहद खास मानी जाती हैं लेकिन आज महाशिवरात्रि के दिन महिला दिवस भी है। ऐसे में आज का दिन और भी खास हो गया है। जहां आज सारा वातावरण शिवमय हो गया हैं वहीं दूसरी ओर पूरी दुनिया नारी शक्ति की सराहना कर रही है। अगर हम महाशिवरात्रि और नारी शक्ति को आपस में जोड़ कर देखे तो दोनों ही नारी की विशेषताओं और शक्ति को दर्शाते हैं l अगर हम बात करे शिवरात्रि कि तो आज के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। जैसे भगवान शिव में अपार शक्तियां हैं वैसे ही देवी पार्वती में भी कई अनोखी विशेषताएं हैं। माता पार्वती स्वंय शक्ति का अवतार हैं। ऐसे में आज महिला दिवस पर शक्ति की प्रतीक देवी पार्वती की विशेषताओं को जानकर हम उनसे प्रेरणा ले सकते हैं। आइए, जानते हैं देवी पार्वती क्यों मानी जाती हैं शक्ति की अवतार।

देवी पार्वती का काली अवतार

आपको बता दें कि माता देवी पार्वती के साथ मिलकर भगवान शिव का अर्धनारीश्वर रूप बना हैं l जिसका अर्थ हैं कि इस संसार में एक स्त्री ही हैं जो इस संसार को पूरा कर सकती हैं l अगर बात करें माता पार्वती की तो वह शांत और धैर्यशील मानी जाती हैं वहीं अगर बात करें उनके काली अवतार की तो वह किसी भी चुनौती से निपटने के लिए काली अवतार को धारण कर दुष्टों का सामना करती हैं। फिर किसी भी स्थिति से उन्हें भय नहीं लगता। देवी पार्वती से हम यह सीख सकते हैं कि व्यक्ति को विपरीत परिस्थितियों में भय को पीछे छोड़कर अपनी संपूर्ण शक्ति के साथ गलत के विरुद्ध लड़ाई लड़नी चाहिए। विशेषकर महिलाओं को देवी पार्वती के काली स्वरूप से प्रेरणा लेनी चाहिए।

भोलेनाथ का रुद्राभिषेक

बता दें कि शुक्रवार यानी आज महाशिवरात्रि पर भक्त सुबह 4 बजे से पूरी श्रद्धा के साथ शिवालयों में जलाभिषेक शुरू कर दिया। ऐसी मान्यता हैं कि महाशिवरात्रि पर रुद्र का अभिषेक भलदायी होता है। ज्योतिषाचार्य विनोद त्यागी ने बताया कि भगवान शिव के रुद्राभिषेक से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस बार महाशिवरात्रि शुक्रवार को पड़ने के कारण गन्ने के रस, सुगंधित जल और लाल चंदन जल से रुद्राभिषेक करने से शुक्र ग्रह से संबंधित सभी परेशानियां दूर होंगी।

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