प्राचीन ऋषियों की, ये अनुपम देन,
सजीव करे तन-मन, जीवन का सुख चैन।
सूर्य नमस्कार से, हो भोर हर सुबह,
शक्ति मिले अपार, तन मन परिपूर्ण हो संग स्नेह।
प्राणायाम का जादू, मन को करे शांत,
अशांत जीवन में, लाए सुख और मन करें शांत।
आसन की धारा में, मिले शांति अपार,
तन की हर पीड़ा, हो जाती है फिर बेजार।
योग का संदेश है, प्रेम और अहिंसा,
सभी को जोड़ता है, बिना किसी दंभ।
योग दिवस पर हम, मिलकर लें ये प्रण,
हर दिन का हिस्सा, बने योग का संग।
स्वस्थ हो भारत, स्वस्थ हो विश्व सारा,
योग से होगा, सबका उद्धार न्यारा।