पंजाब में काफी समय से किसान आंदोलन चल रहा है जिसमें किसान अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से सरकार से गुहार लगा रहे हैं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस किसान आंदोलन को लेकर ASKEM के 40 नेताओं ने सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक की और उस बैठक को छोड़कर वहाँ से वॉकआउट कर गए, जिसके बाद किसानों ने सीएम भगवंत मान पर नाराज़गी जताई।

मान के बैठक से चले जाने के बाद, आक्रोशित हुए किसान …
पंजाब में धरने की गूँज एक बार फिर से उठ चुकी है। फिर से किसानों का धरना शुरू हो चुका है, जिसके बाद पंजाब की धरती का माहौल भी बदल गया। जी हाँ, आपको जानकारी के लिए बता दें कि किसानों की इस मांग को सुनने के लिए पंजाब सरकार ने सोमवार को किसानों के साथ बैठक की। उस बैठक में किसान और भगवंत मान के बीच बातचीत हो रही थी, इसी दौरान किसानों और भगवंत मान के बीच अचानक से भारी बहस होने लगी, जिसके बाद सीएम मान गुस्से में आकर वहीं उसी वक्त बैठक को छोड़कर चले गए। किसानों ने मीडिया के साथ बातचीत भी की और कहा कि हमारी बैठक काफी अच्छी चल रही थी, फिर हमने कुछ मांगे रखीं, जिसको लेकर बैठक के दौरान ही भगवंत मान और हमारे बीच थोड़ी सी बहस हो गई थी। साथ ही किसानों ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री मान ने हमारी बेइज्जती करके तंज कसा और बोले ‘आप लोग सड़कों पर मत बैठा करो’ और सीएम मान ने किसानों से 5 तारीख को होने वाले प्रोग्राम की जानकारी भी मांगी |

मान के रवैये पर क्या बोले जोगिंदर सिंह
पंजाब में हो रही बैठक में भगवंत मान का ऐसा रवैया देखकर किसान जोगिंदर सिंह ने मीडिया से शिकायत करते हुए कहा कि मैंने पहली बार किसी सीएम को ऐसे बैठक छोड़कर जाते हुए देखा है और उन्होंने यह भी कहा कि भगवंत मान ने हमसे कहा ‘जाओ करते रहो धरना’। इसको लेकर किसानों के नेता बोले धरना करना हमारा काम है, हम इसे तब तक करते रहेंगे जब तक हमारी मांगों को पूरी न की जाए। साथ ही जोगिंदर सिंह ने यह भी कहा कि आपको हमारी बात सुननी पड़ेगी, हमारी बातों को सुनना सरकार का फर्ज है और उन्होंने यह भी बताया कि सीएम हमारी बातों को टालते हुए वहाँ से चले गए। साथ ही किसानों के मुखिया ने यह भी कहा कि बैठक करने के बावजूद भी हमें सरकार से कोई सहायता नहीं मिली। सीएम के ऐसे रवैये को देखकर किसानों के मुखिया ने तंज कसा और बोले कि ‘अगर सरकार या सीएम किसान के हित के बारे में सोचते तो वो ऐसा नहीं करते जो आज किया है’।

सरकार ने किसानों को दिया दिलासा …
पंजाब में किसानों ने एक बार फिर से धरना शुरू कर दिया। जी हाँ, आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस धरना के दौरान किसानों ने पंजाब सरकार से कुछ मांगें कीं, जिनमें यह मांगे शामिल हैं। साथ ही किसानों ने यह भी बताया कि सरकार ने 17 में से 13 मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। इन मांगों में किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए एक उप समिति का गठन करना, सरकारी विभागों के समान किसानों के नाबार्ड ऋणों के लिए एकमुश्त निपटान योजना शुरू करना, 1 जनवरी से सरहिंद फीडर नहर पर स्थापित मोटरों के बिजली के बिलों को माफ करना, सरकारी भूमि पट्टों से संबंधित मुद्दों को हल करना, और अन्य मांगों में आवारा पशुओं से फसल के नुकसान को रोकने के लिए किसानों के लिए राइफल लाइसेंस जारी करना, प्रीपेड बिजली मीटर को लागू करना, किसानों को नैनो-पैकेजिंग और अन्य उत्पादों की जबरन आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाना, बाढ़ से हुए गन्ने की फसल के नुकसान का मुआवजा देना, सहकारी समितियों में नए खाते खोलने पर प्रतिबंध हटाना, उप-समितियां बनाना और राष्ट्रीय भूमि अनुसंधान अधिनियम के तहत किसानों की मांगों का समाधान करना शामिल है।