MP Raghav Chadha suspended from Rajya Sabha in signature dispute case, suspension will continue till Privileges Committee report

सिग्नेचर विवाद मामले में सांसद राघव चड्ढा राज्यसभा से हुए निलंबित, विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक जारी रहेगा निलंबन

आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा को शुक्रवार को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया l राज्यसभा में उनके खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जा रहा है l बता दें कि उन्हें फर्जी सिग्नेचर मामले में राज्यसभा से निलंबित किया गया है l उनके आचरण को सदन में बेहद बुरा बताया गया l विशेषाधिकारी समिति की रिपोर्ट आने तक राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित रहेंगे। राघव चड्ढा पर आरोप है कि उन्होंने सांसदों की मंजूरी के बिना उनकी सदस्यता वाली समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था, जो कि नियमों का उल्लंघन है। अब विशेषाधिकार समिति इस मामले की जांच करेगी। विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित रहेंगे।

बता दें कि राघव चड्ढा को निलंबन का प्रस्ताव राज्यसभा में बीजेपी सांसद पीयूष गोयल द्वारा पेश किया गया l उन्होंने कहा, यह बहुत गंभीर मामला है जिस तरह से बिना सदस्य की जानकारी के उनका नाम लिस्ट में डाल दिया गया है, वह बहुत ही गलत बात है l पीयूष गोयल ने कहा कि बाद में राघव चड्ढा ने सदन से बाहर जाकर कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और वह इस मामले पर ट्वीट भी करते रहे l जब तक विशेषधिकार हनन की रिपोर्ट नहीं आती तब तक राघव चड्ढा का निलंबन जारी रहेगा l

रिपोर्ट आने तक संजय सिंह भी निलंबित

पीयूष गोयल ने ये भी कहा, संजय सिंह ने भी जिस तरह से आचरण किया वो भी बेहद निंदनीय है l वो निलंबन के बाद भी सदन में बैठे रहे l इसकी वजह से सदन की कार्रवाई भी स्थगित करनी पड़ी l ये चेयर का अपमान है l संजय सिंह अब तक 56 बार वेल में आ चुके हैं, जो दिखाता है की वो सदन की कार्रवाई बाधित करना चाहते हैं l संजय सिंह राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित रहेंगे l

राघव चड्ढा ने आरोपों से किया इनकार

बता दें कि राघव चड्ढा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है और उनका कहना है कि उनके खिलाफ फर्जी प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा है। राघव चड्ढा ने भाजपा को चुनौती देते हुए उनके कथित फर्जी हस्ताक्षर वाले दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग की। आप सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा उनकी आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। आरोपों पर राघव चड्ढा ने नियम पुस्तिका का हवाला देते हुए कहा कि सांसद किसी भी समिति के गठन के लिए नाम प्रस्तावित कर सकता है और जिस व्यक्ति का नाम प्रस्तावित किया जा रहा है, उसके हस्ताक्षर या लिखित सहमति की आवश्यकता नहीं होती। आप सांसद ने आरोप लगाया कि यह झूठ फैलाया गया कि उन्होंने फर्जी हस्ताक्षर किए।

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