कलाकार शुभांगी एस. जांगड़े की एकल प्रदर्शनी “सोल ऑन कैनवास” का हाल ही में त्रिवेणी कला संगम में उद्घाटन हुआ, जो शुक्रवार 16 मई 2025 तक चलेगी। इस कला प्रदर्शनी का उद्घाटन शेरोन लोवेन, बिमन दास, विजेंद्र शर्मा, तीर्थंकर बिस्वास और नसीर अब्दुल्ला जैसे विशिष्ट अतिथियों ने किया। शुभांगी की पेंटिंग्स में इस बार “ध्यान” को थीम के रूप में प्रस्तुत किया गया है। वह मानती हैं कि अशांत मन से बनाई गई चित्रकारी कभी सकारात्मक ऊर्जा नहीं दे सकती और ध्यान ही वह साधन है जो आत्मशांति और सफलता दोनों की कुंजी है। इन कलाकृतियों में चांदी, धात्विक और सफेद रंगों का संयोजन किया गया है, जो उन्हें सादगीपूर्ण और दर्शकों के मन को सुकून देने वाली बनाता है।

एक कलाकार की आत्म-अभिव्यक्ति की यात्रा

शुभांगी कहती हैं कि उनकी कलाकृतियाँ ध्यान से शुरू होकर सफलता की यात्रा को चित्रित करती हैं—चाहे बाहरी दुनिया कितनी भी अशांत हो, ध्यान ही हमें लक्ष्य तक पहुँचाता है। वे अपनी रचनात्मकता और नवाचार के माध्यम से न केवल पेंटिंग्स बल्कि मूर्तियों से भी गहरा जुड़ाव महसूस करती हैं। उनकी कला की भाषा रंगों और कल्पना के ज़रिए बोलती है, जो दर्शकों को गहराई से स्पर्श करती है। 2008 में प्रथम पेंटिंग मेरिट होल्डर बनने के साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया। वह कहती हैं, “एक कलाकार के रूप में खुद को प्रस्तुत करना कठिन है, क्योंकि मेरी कला ही मेरी असली पहचान है। मेरी रचनाएँ इतनी विविध हैं कि उन्हें कुछ शब्दों में बाँध पाना संभव नहीं।